Home खास खबर भदोही लोकसभा: बेबसी या राष्ट्रप्रेम – बाहुबली का भाजपा को समर्थन

भदोही लोकसभा: बेबसी या राष्ट्रप्रेम – बाहुबली का भाजपा को समर्थन

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भदोही : लोकसभा क्षेत्र में ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को लेकर चल रहे कयासों पर आज विराम लग गया । उन्होने भाजपा को समर्थन देकर अपना पत्ता साफ कर दिया हैं । हलांकि चुनाव के चंद दिनो पहले लिया गया यह फैसला भाजपा को कितनी राहत देगा यह तो 23 मई के बाद ही पता चलेगा किन्तु बाहुबली का यह समर्थन बेबसी में लिया गया निर्णय हैं या राष्ट्रप्रेम ! इसकी चर्चा क्षेत्र में शुरू हो गई हैं ।

गौर करने वाली बात है कि 2017 में सपा से टिकट न मिलने पर विजय मिश्रा ने निषाद पार्टी के टिकट पर अपना सीट बरकरार रखा था । लेकिन गोरखपुर उप चुनाव में जब सपा ने निषाद पार्टी से हाथ मिला लिया तो नाराज हुए श्री मिश्रा ने राज्यसभा चुनाव में माफिया डॉन बृजेश सिंह का समर्थन किया । इसके बाद उनकी नजदीकियां भाजपा से बढ़ने लगी । श्री मिश्रा अक्सर भाजपा के मंच पर दिखाई देने लगे । 2014 में विजय मिश्रा का विरोध करने वाले वीरेंद्र सिंह मस्त चुनाव जीतने के बाद आपसी नजदीकियां बढ़ा ली । लेकिन क्षेत्र में एक कहावत हैं । विजय मिश्रा के बारे में कहा जाता है कि सटला त गईला बेटा । वही हालात 2019 का चुनाव आते आते हो गया ।

कहा जाता है कि श्री मस्त का विरोध बाहरी के नाम पर कराने के पीछे विजय मिश्र का ही हाथ रहा । लोगो कि माने तो विजय मिश्रा चाहते थे कि यदि वीरेंद्र सिंह भदोही सिंह भदोही छोड़ देते है तो लोकसभा चुनाव में उनका रास्ता साफ हो जाएगा ।

अपनी पहली चाल में सफल हुए श्री मिश्र दूसरी बाज़ी हार गए और रमेश बिंद ने टिकट झटक लिया । इस घटना के काफी दिनो तक बाहुबली की चुप्पी लोगो को खलने लगी थी । लोगो का कहना था की जब भाजपा और निषाद पार्टी एक साथ हैं तो श्री मिश्रा चुप क्यों ?  कयास लगाए जा रहे थे कि रमेश बिंद का ब्राह्मण विरोधी बयान आने के बाद श्री मिश्रा किसका समर्थन करेंगे ।

शनिवार को अपने आवास पर बुलायी बैठक में श्री मिश्रा ने राष्ट्रहित की बात बोलकर भाजपा को समर्थन दें दिया किन्तु एक चर्चा और पटल पर आयी कि कही यह फैसला श्री मिश्रा द्वारा मजबूरी में तो नहीं लिया गया है । लोगो में चर्चा है कि ऊपर से आए दबाव के कारण उन्होने यह निर्णय लिया है क्योंकि श्री मिश्रा के ऊपर कई मामले चल रहे हैं ऐसे में यदि श्री मिश्रा भाजपा के साथ नहीं आते तो मामला बिगड़ सकता है ।

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