औराई। लंबे समय से न्याय की गुहार लगा रहे खमरिया नगरपंचायत के आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों के समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। बेरोजगारी में आर्थिक तंगी से बेहाल कर्मियों के लिये घर गृहस्थी चला पाना तो दरकिनार बच्चों को पढ़ा पाना भी मुश्किल हो गया है। न्याय के लिये बार बार जिलाधिकारी से गुहार लगा चुके कर्मियों को डीएम भी न्याय नहीं दिला पाये। निराश कर्मियों के समक्ष उच्च न्यायालय से गुहार करने के अलावा और कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।
चर्चा के दौरान प्रभावित कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें महज इसलिये नगर पंचायत से बाहर कर दिया गया कि उनकी नियुक्ति पूर्व चेयरमैन रामधनी मौर्य के कार्यकाल में हुई थी। वर्तमान चेयरमैन नंदलाल मौर्य पर पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुये पीड़ित कर्मियों ने बताया कि नंदलाल मौर्य पद संभालते ही कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। कारण के नाम पर कोई लिखित कारण तो नहीं बताया गया किन्तु खुले तौर पर यहीं आरोप लगाया कि उक्त कर्मी पूर्व चेयरमैन रामधनी मौर्य के समर्थक हैं। अपने निष्कासन के खिलाफ कर्मचारियों ने इसकी लिखित शिकायत जिलाधिकारी से किया था।
जिलाधिकारी ने नगर पंचायत अधिशाषी अधिकारी को कर्मचारियों को तत्काल बहाल करने का निर्देश भी दिया था किन्तु बताया गया कि चेयरमैन के कथित हठधर्मिता के कारण कर्मियों को काम पर नहीं रखा जा सका। बेरोजगारी से बेहाल कर्मियों ने इसकी भी शिकायत जिलाधिकारी से की थी किन्तु शायद चेयरमैन की हठधर्मिता के आगे डीएम भी कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में बेरोजगार कर्मियों के समक्ष सिवा उच्चन्यायालय में गुहार लगाने के और कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।