भदोही में हुये धमाके के वक्त कमरे के बाहरी हिस्से में काती यानि लटियों में उलझे उनी धागों को खोल रही अथवा सुलझा रही मकान स्वामी चंदू की मां बुरी तरह घायल हो गयी। घटना के वक्त वह मकान के पूर्वी किनारे वाले बाहरी हिस्से में थी। जो गिरे मलबे में पूरी तरह दबने से बच गयी। पड़ोसी मकान की दीवार में उसके उपर गिरने वाले मलबे को थाम लिया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उसे मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल में पहुंचाया।
वहीं घटना के वक्त चंदू का दो वर्षीय बेटा अपनी दादी के पास बैठा खेल रहा था। इसे ईश्वरीय चमत्कार ही माना जायेगा कि उसकी दादी तो बुरी तरह घायल हो गयी किन्तु वह बेदाग बच गया। घायल कराहती अपनी दादी के पांव के पास रोते मासूम को जब स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला तो उसके चेहरे पर मात्र एक दो खरोंच ही आयी थी। हालांकि समाचार लिखे जाने तक यह तय नहीं हो पाया कि घटना में मरने वाले कलियर और चंदू के परिवार के थे या सभी बाहरी।
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