भदोही। भाजपा से वैश्य समाज की नाराजगी अकारण नहीं है। इसमें कुछ कारण तो ऐसे है जो सार्वजनिक कार्यक्रमों में स्पष्ट नजर आये। संगठन में स्थान न दिया जाना तो दरकिनार भाजपा के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी वैश्य समाज के जनप्रतिनिधियों को वह तवज्जो नही मिल पाती जिस सम्मान के वे हकदार हैं।
ताजा मामला गत शनिवार का है। उस दिन भाजपा प्रत्याशी रमेश बिंद का जिला मुख्यालय में नामांकन था। नामांकन में जगह जगह से जूलूस के साथ भाजपा नेता मुख्यालय पहुंचे थे। भाजपा नेता एवं भदोही नगरपालिका के अध्यक्ष अशोक जायसवाल और गोपीगंज के नपाध्यक्ष प्रह्लाददास गुप्ता भी दर्जनों वाहनों के काफिले के साथ भाजपा के नामांकन जूलूस में पहुंचे। किन्तु भाजपा के नामांकन जनसभा मंच पर वैश्य समाज के उक्त दोनों जनप्रतिनिधियों को स्थान नहीं दिया गया। और तो और सामान्य लोगों को भी मंच संचालक द्वारा नाम लेकर सम्मानित किया गया किन्तु उक्त दोनों वैश्य जनप्रतिनिधियों का नाम नहीं लिया गया।
भदोही लोकसभा: उपेक्षा से आहत भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहा वैश्य समाज
नतीजतन खुद को उपेक्षित महसूस किये दोनों वैश्य जनप्रतिनिधि बिना कुछ शिकवा शिकायत के वापस लौट आये। इसका वैश्य समाज ने अपना अपमान माना है। इसे लेकर भाजपा जिला ईकाई की आलोचना हो रही है। माना जा रहा है कि यदि समय रहते वैश्य समाज के नाराज लोगों को मना न लिया गया तो चुनाव में वैश्यों की नाराजगी भाजपा के लिये भारी पड़ सकती है।