भदोही जिले के गोपीगंज कोतवाली में हुई रामजी की मौत के बाद बेसहारा हुई बेटियों का दुखड़ा सुनने शुक्रवार से ही कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा था, लेकिन जब हमार पूर्वांचल ने इस मुद्दे को उठाया कि यदि पीड़ित दलित या मुस्लिम समुदाय से होती तो अपने वोटबैंक को बचाने के लिये नेताओं का तांता लग गया होता। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद भदोही विधायक मृतक के घर पहुंचे और दु:खी बेटियों को सांत्वना दिये। कहा मुख्यमंत्री को इस घटना से अवगत करायेंगे। श्री त्रिपाठी ने मृतक की पत्नी कंचन मिश्रा से मिलकर सांत्वना दिये और मौके पर एसपी डीएम को आने के लिये कहा।
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इस मौके पर विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि वे इस मामले की जांच करायेंगे और शासन द्वारा हरसंभव मदद दिलाने की कोशिस करेंगे। हालांकि किसी नेता के आने जाने से उन बेटियें का दुख दूर नहीं होगा। ईश्वर ने उन्हें जो पीड़ा दी है। उसका दर्द वहीं समझ पायेंगी लेकिन ऐसे मौकों पर नेताओं संवेदनहीनता कई सवाल भी खड़े कर जाती है।
हालांकि भदोही विधायक ने अपना मानवीय फर्ज समझा और संवेदना प्रकट करने पीड़ित के घर पहुंचे लेकिन भदोही जिले के ऐसे कई प्रतिनिधि हैं जिनकी मानवता तभी जागती है जब उन्हें अपना वोटबैंक दिखायी देता है।
एसडीएम के आश्वासन के बाद सड़क से घर पहुंची बेटियां
शुक्रवार को गोपीगंज थाने में हुई रामजी मिश्रा की मौत के बाद दुखी बेटियां शनिवार को ज्ञानपुर गोपीगंज मार्ग को जाम कर दिया था। इसके बाद एसडीएम ज्ञानपुर के आश्वासन पर जाम समाप्त कराया गया। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। साथ ही पारिवारिक लाभ और मुआवजा दिलाने की बात कही।
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