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मुम्बई पहुंचकर जाति के दायरे में क्यों कैद हुये बाहुबली विधायक विजय मिश्रा

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vijay mishra mla
vijay mishra mla

एक कहावत है उत्तरप्रदेश में वहीं राजनेता सफल है जो जाति व धर्म के नाम पर अपनी राजनीतिक दुकान अच्छे से चला रहा है। ऐसे में भदोही जिले में ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गये बाहुबली विधायक विजय मिश्रा भी कहां पीछे रहने वाले हैं। हालांकि ज्ञानपुर से श्री मिश्रा सिर्फ ब्राह्मण ही नहीं बल्कि सभी की वोटों से जीत हासिल करते रहे हैं, किन्तु मुम्बई पहुंचे विधायक ने जो कहा उससे लगता है कि वे खुद को ब्राह्मण नेता के रूप में स्थापित करने में अधिक राजनीतिक फायदा सोच रहे हैं।

गौरतलब हो कि इन दिनों ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक पं. विजय मिश्रा मुम्बई के दौरे पर है। जहां पर उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है। कोई उन्हें ब्राह्मण शिरोमणि तो कोई परसुराम का तमगा दे रहा है। ऐसे में स्वागत से अभिभूत होकर श्री मिश्रा का उत्साहित होना स्वाभाविक है। मुम्बई के नजदीक पालघर जिले के भायंदर में श्री मिश्रा के स्वागत में एक समारोह आयोजित किया गया, जहां पर मुम्बई में रहने वाले कई संभ्रान्त ब्राह्मण हस्तियों के साथ स्वयंभू नेता व समाजसेवियों की बड़ी संख्या भी मौजूद रही। इस दौरान श्री मिश्रा काफी जोशीला भाषण भी दिये।

श्री मिश्रा का उद्बोधन जातिगत मामले में कुछ खास देखा गया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण भाई उन्हें दुनिया के किसी भी कोने में बुलायेंगे तो वहां जरूर पहुंचूंगा। दूसरी प्रमुख बात उन्होंने यह कही कि गरीब ब्राह्मण की बेटियों को फ्री में पढ़ाई और उनकी शादी का पूरा खर्च मैं उठाऊंगा। विजय मिश्रा ने सबसे खास बात यह कही कि भदोही में भगवान परशुराम का भव्य मंदिर निर्माण करेंगे।

गौर करने वाली बात यह है कि अपनी तीन बातों में उन्होंने पहले पायदान पर ब्राह्मणों की बात कही। खैर इसमें कोई जुदा बात नहीं है। हा सक्षम व्यक्ति को सबसे पहले अपनी जाति के उत्थान ओर सहयोग के बारे में सोचना चाहिये, लेकिन जातिगत बात जब वह व्यक्ति कहता है जो चार बार से लगातार एक विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा हो और चार बार लगातार चुनाव में सफलता हासिल करना किसी जाति विशेष के दम पर नहीं हो सकता। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ब्राह्मणों के अलावा दूसरी जाति की गरीब बेटियां विधायक विजय मिश्रा की बेटियां नहीं है। क्या एक जनप्रतिनिधि होने के नाते वे क्षेत्र के सभी गरीब लोगों की मदद करना उनकी प्राथमिकता नहीं है।

खैर यह जुदा बात है कि अपने क्षेत्र में उन्होने उन सभी की सहसयता की जो उनके दरवाजे पर पहुंचा। क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य को अंजाम दिया, लेकिन मुम्बई में उनका दिये गये भाषण के पीछे कोई न कोई राज जरूर है। यदि विजय मिश्रा जैसा कुशल राजनीतिज्ञ जाति विशेष की बात कर रहा हो तो सोचना आवश्यक हो जाता है।

देखा जाय तो सपा से निष्कासित होने के बाद चौथी बार विधायक चुने गये पंडित विजय मिश्रा कई बार भाजपा के नजदीक देखे। भले ही उन्हें अभी तक भाजपा में इंट्री न मिली हो किन्तु भाजपा से उनकी नजदीकियां किसी से भी छुपी नहीं है। भदोही सहित लखनउ में हुये भाजपा के कार्यक्रमों में विजय मिश्रा की शिरकत से कई भाजपाईयों की नींद पिछले काफी दिनों से लगाता उड़ रही है। वहीं पूर्वांचल में भाजपा के पास कोई ऐसा ब्राह्मण चेहरा नहीं है जिसके साथ ब्राह्मण समुदाय खुलकर सामने आ जाय। ऐसे में मुम्बई के समारोह में ब्राह्मणों के प्रति जातिगत भाषण देना कोई न कोई संकेत दे रहा है, जिसका असर आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 में देखने को मिल सकता है।

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