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भदोही में शाहजहॉ की लाश पर मधुबाला की सियासत, शर्मसार हुई मानवता, पुलिस बनी पालनहार

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हमार पूर्वांचल
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भदोही में सोमवार को एक ऐसी घटना घटित हुई जिससे मानवता तार तार होती दिखी। पूर्व विधायक के कृत्य पर मानवता भी मुह चुराकर सिसकती नजर आ रही थी। क्योंकि सपा की पूर्व विधायक श्रीमती मधुबाला पासी एक मां होते हुए भी अपनी ममता को दरकिनार कर शाहजहॉ की मौत पर सियासत कर रही थी और एक मासूम बगल के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था । भला हो भदोही पुलिस के उस अधिकारी का जो अपनी ड्यूटी करते हुए भी अपनी संवेदनाओ को मरने नही दिया और कानून व्यवस्था का ध्यान रखते हुए भी उस मासूम को बचाने में जुटा रहा जो अपनी माँ को खो चुका था ।

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बता दें की समसुद्दीन उम्र 40 वर्ष निवासी तितराही महाराजगंज जो मिर्जापुर में रहते हैं। वे अपनी पत्नी शाहजहां बेगम 35 एवं पुत्र हाफिज 5 वर्ष के साथ बाइक से पटखौली शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। अचानक इलाहाबाद की तरफ़ से आ रही सफारी की चपेट में आने से राष्ट्रीय राजमार्ग महराजगंज सरदार होटल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें उनकी बेगम शाहजहां की मौके पर ही मौत हो गई एवं समसुद्दीन और हाफ़िज़ गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को स्थानीय लोगो ने एक अस्पताल में भर्ती कराने के बाद पुलिस को सूचना दें दी। घटना के बाद जैसा अक्सर होता हैं वैसे ही सियासत शुरू हो गईं । अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कुछ लोग सड़क पर शाहजहॉ बेगम के शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया

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सड़क पर पड़ी महिला का शव

उसी समय मौके पर सपा की पूर्व विधायक श्रीमती मधुबाला पासी भी मौके पर आ गई और चक्काजाम में शामिल होकर सियासत शुरू कर दी । उधर शाहजहॉ का अबोध पुत्र अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। सूचना पाकर मौके पर मौजूद औराई कोतवाल सुनील दत्त दूबे को एक तरफ कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी का एहसास था तों दूसरी तरफ अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे मासूम को बचाने की चिंता सता रही थी। कोतवाल श्री दूबे किसी वाहन की व्यवस्था में लगे थे की मासूम को किसी अच्छे अस्पताल में भेजकर उसकी जिंदगी बचा लें। अपनी माँ को खो चुके बच्चे को बचाने का ध्यान किसी को नहीं आ रहा था। पूर्व विधायक का लक्जरी वाहन वहाँ मौजूद था लेकिन शायद इन सियासत बाजों को अपनी सियासत के आगे किसी गरीब की जिंदगी कोई मायने नही रखती। किसी गरीब के खून से किसी नेता की लक्जरी वाहन का सीट खराब हो जाए यह कोई नेता भले कैसे बर्दाश्त कर सकता हैं

 

नेताओ को तों अपनी सियासत से मतलब हैं भले ही वह किसी की लाश पर किया जाए ।वही जिसके अंदर मानवता और जनसेवा का भाव हिलोरे लें रहा हो वह किसी को मरते कैसे देख सकता हैं । कोतवाल सुनील दत्त दूबे ने एक स्थानीय भाजपा नेता महेश दूबे से घायल को अस्पताल लें जाने का अनुरोध किया और अस्पताल भेजा । अफसोस तों यह हैं की शाहजहॉ की मौत पर सियासत कर रही पूर्व विधायक की संवेदनाएं कही गुम हो गई थी शायद यही वजह थी की उन्होने एक बार भी घायलों को देखना भी गवारा नही किया और चक्काजाम समाप्त होते ही अपने समर्थको के साथ चली गई ।

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  1. […] में घटी हृदयविदारक घटना का सच जब “हमार पूर्वांचल” ने प्रकाशित करके सपा की पूर्व विधायक […]

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