Home भदोही जमीनी हकीकत (0१) – चमचों के घर ऊँजाला, अंधेरे में देवी-देवता.?

जमीनी हकीकत (0१) – चमचों के घर ऊँजाला, अंधेरे में देवी-देवता.?

भदोही संसद वीरेंदर सिंह 'मस्त '
भदोही संसद वीरेंदर सिंह 'मस्त '

भदोही – काशी-प्रयाग मध्य को धर्म ध्वजवाहक नगरी कहा जाता है। यहां वार्षिक लाखों रूपये का सार्वजनिक धार्मिक-सांस्कृतिक स्थल जिर्णोद्धार एवम् धार्मिक आयोजन होता है। फिर भी यहां देवी-देवताओं को ही भाजपाई ही नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसे में मतदाताओं की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरे होंगे, इस यक्ष प्रश्न का शायद ही जवाब ‘सांसदजी’ के करीबी नुमाइंदे दे सकें।

गौरतलब है कि काशी-प्रयाग मध्य में बसे अकोढ़ा-रोही जैसे कई गांव के मतदाता अपने सांसद बीरेंद्र सिंह (मस्त) को तलाश रहे हैं। सांसद की याद मतदाताओं को आना भी लाजमी है क्योंकि चुनाव जितने से पूर्व इन्ही गालियों में बीरेंद्र सिंह (मस्त) अनोखे अंदाज में पद यात्रा के माध्यम से अधिकांश द्वार-द्वार पर बैठकर स्थानीय भाजपा संगठन पदाधिकारियों एवम् कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में जलपान किये थे। आज जब मतदाता मुलभुत सुविधाओं का हलाकन झेल रहे हैं तो ‘सांसदजी’ की चमचमाती गाड़ियों का काफिला द्वार पर नहीं पहुंचता, ऐसे में पद यात्रा की तो अपेक्षा ही नहीं रखी जा सकती है। ऐसा सर्वेक्षण ‘मातृभूमि संकल्प’ अकोढ़ा द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।

देवी-देवता को भूल गये.!

‘मातृभूमि संकल्प’ अकोढ़ा के युवा नेतृत्वकार सुरेन्द्र पाठक (गुड्डू) कहते हैं कि ‘भले ही सांसद जी के कोटे से उनके यहां दरबारी स्थानीय पदाधिकारियों या चमचों के घर ऊँजाला हो लेकिन देवी-देवता के धाम में अंधेरा है। अकोढ़ा गांव की पाठक बस्ती में ऐतिहासिक ‘पुश्तैनी महादेव दरबार’ है, जहां स्थानीय नेताओं ने चुनावी गणित के लिये मात्था सदैव टेका लेकिन महादेव के भक्तगणों के सम्मान में एक ‘सोलर लाइट’ से ऊँजाला करना भूल गये। इसी तरह ‘दक्षिणीमुखी श्रीहनुमान मंदिर’ काशी-प्रयाग मध्य सहित सोहगौरा नगर एवम् अकोढ़ा-रोही के कई मंदिरों पर सांसद के नुमाइंदे ऊँजाला नहीं कर पाये। ऐसे में शायद ही किसी भाजपा समर्पित मतदाताओं को कुछ नसीब हुआ हो।’

बिजली के इंतज़ार में मंदिर

 

वर्षों से नहीं आया ‘सोलर लाइट’.!

हमार पूर्वांचल के संवाददाता ने अकोढ़ा बुथ अध्यक्ष धर्मेन्द्र त्रिपाठी को टटोलने का प्रयास किया तो सारी सच्चाई स्वयं सामने आ गई। जहां एक ओर वो दावा कर रहे हैं कि सभी सार्वजनिक स्थलों एवम् मंदिरों हेतु ‘सोलर लाइट’ का प्रस्ताव सांसदजी तक उच्च पदाधिकारियों के माध्यम से भेजा गया है, वहीं खुद बता रहे हैं कि करीबन 1 वर्ष से वितरण हेतु ‘सोलर लाइट’ ही नहीं आया है। इतना ही नहीं उपरोक्त भाजपाई बुथ अध्यक्ष यह भी बताते हैं कि ‘1 लाॅट ‘सोलर लाइट’ आया था तो कुछ लोगों को दिया गया था। इसके साथ अधिकतर मंदिरों पर विधायक द्वारा ‘सोलर लाइट’ दिया गया है और जहां पुराना बंद है या नहीं लगा है तो उक्त प्रस्तावित ‘सोलर लाइट’ सांसदजी का आते ही लगवा दिया जायेगा।

 

अँधेरे में आम आदमी