प्रदेश सरकार सबको राशन मिले कोई भूख से न मरे इसके लिये तमाम सरकारी योजनाओं को संचालित करती है, लेकिन सरकार के भ्रष्ट सिस्टम से आजिज आकर एक विधवा महिला ने कहा वह जहर खाकर आत्महत्या कर लेगी।
बता दें कि 12 अगस्त को भदोही जिले के बरमोहनी गांव निवासी विद्यासागर दीक्षित ने भूख बर्दास्त न होने पर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया और उसकी मौत हो गयी। मामला यह था कि मृतक नरेगा में काम करके अपनी जीविका चलाता था किन्तु पिछले एक साल से उसे नरेगा में कोई काम नहीं मिला था। घर में राशन खत्म हो गया था। गरीबी का आलम यह था कि घर में अन्न का एक दाना भी नहीं था और जेब में एक चवन्नी नहीं। बीबी हीरामनी से इसी बात पर तू—तूं मैं—मैं हो गयी और वह कहीं जाकर जहरीला पदार्थ खा लिया।
विद्यासागर दीक्षित को कोई संतान नहीं है। विधवा हो चुकी उसकी बीबी को जीने का कोई सहारा नहीं है। परिवार में ऐसा कोई नहीं है जो उसके पेट को भर सके। हीरामनी ने ‘हमार पूर्वांचल’ को बताया कि प्रशासन से उसको कोई मदद नहीं मिली है। वह ब्राह्मण जाति की है इसलिये सरकार उसे गरीब तो मानेगी नहीं। कहा अब मेरे सामने जहर खाकर आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
बता दें कि विद्यासागर एक टूटी फूटी झोपड़ी में अपना दिन गुजारता है। उसकी बीबी ने बताया कि जब ग्राम प्रधान से उसने आवास की बात कही तो प्रधान ने उससे 20 हजार रूपये मांगे। अब घर में जब खाने को ही नहीं था तो प्रधान को 20 हजार कहां से देती। देखा जाय तो ग्राम प्रधान मनमानी करते हैं, लेकिन इन पर कोई लगाम नहीं लगता है। अब सोचने वाली बात यह है कि क्या करप्ट सिस्टम विद्यासागर की विधवा पत्नी की जान बचा पायेगा या फिर उसे जहर खाकर आत्महत्या ही करनी होगी।
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