सरकार की व्यवस्था से तंग आकर क्या कोई महिला अपने पति से तलाक लेने के लिये सरकार से मांग कर सकती है, आप यहीं सोचतें होंगे कि ऐसा नहीं हो सकता, लेकिन ऐसा हुआ है। देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई से ऐसी ही एक चौंकाने वाली खबर आयी है। यह महिलायें कोई और नहीं बल्कि महाराष्ट्र के जिला परिषद स्कूलों में पढ़ाने वाली शिक्षिकायें हैं जो सरकार के सिस्टम से त्रस्त होकर दीपावली पर तलाक के लिये सरकार को आवेदन सौंपने का निर्णय लिया है।
बता दें कि परिषदीय स्कूलों में ऐसे हजारों पति पत्नी हैं जो एक दूसरे से जुदा कोसों दूर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे अध्यापकों की संस्था ‘महाराष्ट्र राज्य अंतर जिला पति-पत्नी एकत्रीकरण संघर्ष समिति’ ने ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे से मुलाकात कर इस संबंध में एक ज्ञापन दिया है। इस संस्था का गठन सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ती देसाई ने किया है।
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बता दें कि महाराष्ट्र में शिक्षक पति-पत्नी का जिले अंतर्गत तबादला 30 किलोमीटर के भीतर करने का निर्देश है। फिर भी कई शिक्षक दंपती को एक-दूसरे से 200 से 1000 किलोमीटर की दूरी पर नियुक्त कर दिया गया। ऐसे शिक्षकों में कई दंपत्ति 15 वर्षों से अलग अलग रहकर पढ़ा रहे हैं। संस्था द्वारा दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि यदि सरकार उनकी समस्या को नहीं सुनती तो वे सभी एक साथ तलाक के लिये अर्जी देंगे।