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भदोही को कब मिलेगी धन उगाही गैंग से मुक्ति

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fake reporter

धन उगाही गैंग यानि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ रायबरेली में जिलाधिकारी द्वारा की गयी कार्रवाई से जहां कथित पत्रकारों के होश उड़ गये हैं, वहीं डीएम के इस कदम की सराहना भी जोरों से ही रही है। अब लोग भदोही में भी चर्चा करने लगे हैं कि इस धनउगाही गैंग यानि फर्जी पत्रकारों से लोगों को कैसे मुक्ति मिलेगी। क्या भदोही के जिलाधिकारी भी फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा पायेंगे।

बता दें कि रायबरेली में पत्रकारिता के पवित्र पेशे को दागदार करने वालों पर जिला प्रशासन की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। एक लोकल न्यूज ग्रुप की आईडी बनाकर करीब आधा दर्जन संख्या में तहसील दिवस पहुंचे पत्रकारों को जिलाधिकारी ने पुलिस के हवाले कर दिया। मामले में जिला सूचना अधिकारी की तहरीर पर ऊंचाहार कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को ऊंचाहार तहसील में तहसील समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। आयोजित समाधान दिवस में जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री और पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह भी मौजूद थीं। जिस समय डीएम और एसपी जनसमस्याओं की सुनवाई कर रहे थे उसी समय पांच लोग एक न्यूज चैनल की आईडी लेकर सभागार में पहुंच गए। पहुंचे पत्रकारों ने जब इधर-उधर कैमरा चलाना शुरु किया तो जिलाधिकारी की नजर उन पर पड़ी। उनकी गतिविधियां देखते ही जिलाधिकारी पहचान गए कि यह पत्रकारों की फौज नहीं बल्कि उनकी ‘फोटो काॅपी’ में आए कुछ संदिग्ध लोग हैं। डीएम ने एसपी से वार्ता की और फिर दोनों अधिकारियों ने क्षेत्राधिकारी डलमऊ विनीत सिंह व ऊंचाहार कोतवाल धनंजय सिंह को इन पांचों संदिग्धों को गिरफ्तार करने के निर्देश दे दिए।

गौरतलग हो कि भदोही जैसे छोटे जिले में फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आ गयी है। जिन्हें न शब्दों का ज्ञान है और न दो लाइन लिख पाने की क्षमता वे भी पत्रकार बनकर घूम रहे हैं। ऐसे कथित पत्रकारों का काम ही है कि वे तहसील दिवस और थाना दिवस पर पहुंच कर यह देखते हैं कि कौन फरियाद लेकर आ रहा है और इसमें से किसे हलाल किया जा सकता है। अभी पिछले दिनों सुरियावां में ऐसा ही एक मामला आया था जब एक कथित न्यूज पोर्टल का पत्रकार एक ग्राम प्रधान से पैसे की मांग की थी जिसकी शिकायत सुरियावां पुलिस से की गयी थी।

ऐसे ही जिले में कथित पत्रकारों की संख्या बढ़ गयी है जो झोला लेकर टहलते रहते हैं। ऐसे पत्रकारों को जिले में धन उगाही गैंग नाम दिया गया है। जो कोटदारों, ग्राम प्रधानों को हड़का कर धन उगाही में लिप्त हैं। लोगों का कहना है कि यदि ऐसे कथित पत्रकारों के बीच एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित कर दी जाये तो सभी की पोल खुल सकती है और आम लोगों को इस धन उगाही गैंग से मुक्ति भी लि सकती है। हालांकि रायबरेली के डीएम की तरह भदोही के डीएम भी इस तरह की हिम्मत दिखा पायेंगे इसमें संशय है।