आस्कर व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कमलेश ने जीता लोगों का दिल
भजन, गीत, नृत्य और भोजपुरी गीतों ने बांधा समां
भदोही। भदोही महोत्सव की दूसरी निशा रंगारंग प्रस्तुतियों की संगम बनी। बालीवुड से आये कलाकारों और स्थानीय कलाकारों ने गीत, नृत्य का ऐसा नजारा प्रस्तुत किया, जिसके मोहफांस में बंधे दर्शक देर रात तक उठ नहीं पाये। सबसे आकर्षक प्रस्तुति दिव्यांगों की रही। टीवी रियल्टी शो सहित फिल्मों और विदेशों में भी अपनी कला का जौहर बिखेर चुके आस्कर अवार्ड तथा राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित कमलेश पटेल दोनों पैर से विकलांग होते हुये भी ऐसी शानदार प्रस्तुति की जिससे दर्शक ताली बजाने को मजबूर हो गये। कमलेश सहित कई दिव्यांगों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया और लोगों को यह दिखा दिया कि शारीरिक विकलांगता यदि मनोबल मजबूत हो तो मायने नहीं रखती।
महोत्सव की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के पश्चात दिव्यांगों द्वारा व्हील चेयर नृत्य से हुई, जिसकी आकर्षक प्रस्तुति चेतन उपाध्याय, आमिर खान आदि ने किया। दिव्यांगों ने सूफी नृत्य कृष्ण लीला आदि प्रस्तुति करके लोगों को यह सोचने को विवश कर दिया कि शारीरिक विकलांगता उनके लिये मायने नहीं रखती। इसके बाद श्रीमती मेनका मिश्रा और रत्नेश दूबे ने सूरदास, कबीर दास जैसे कालजयी कवियों की रचनाओं नये अंदाज में सुनाया। मैया रे मोहे माखन मिश्री भावे, हो री सखी पिया घर आयो, साजन साजन आयो सखी रे, साजन साजन आयो। जैसी रचनाओं को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गये। इस दौरान कई ग्रुपों द्वारा नृत्य नाटिकाओं की आकर्षक प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। जिसमें भदोही जनपद के औराई निवासी गौरव यादव और श्रेया मालवीय ने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।
आस्कर अवार्ड से पुरस्कृत कमलेश पटेल की विकलांगता उस समय फीकी पड़ गयी जब उन्होंने वंदे मातरम गीत पर अपनी शानदार प्रस्तुति की। दोनों पैर भले ही देखने में लोगों को बेकार लग रहे हों किन्तु उन्हीं पैरों की कला और प्रस्तुति ने लोगों को बार बार तालियां बजाने पर विवश कर दिया। भदोही के लोकप्रिय गायक राजेश परदेशी और उषा इलाहाबादी ने भी तूं मेरी राधा प्यारी, मैं तेरा किसन कन्हैया। गाकर शमां बांध दिया। साथ ही रेलिया बैरन पिया को लिये जाय रे गाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। मथुरा से आये कलाकारों ने कृष्ण लीला की आकर्षक प्रस्तुति की।