योग और दोष में अन्तर

आज ज्योतिष सेवा केन्द्र पँ अतुल शास्त्री आपको बता रहे हैं दोषयोग मै क्या अन्तर है और आपने जन्मकुंडली में योग और दोष दोनों...

किसी कुंडली के आधार पर कैसे निर्णय करें कि जातक नौकरी करेगा या अपना...

किसी को नौकरी अच्छी लगती है तो किसी को व्यापार। हर कोई आजीविका कमाने के लिए अपनी पसन्द का कार्य करना चाहता है। हमारे...

देवताओं का राजा इंद्र का वंशज है कौवा जानिए यमराज का दूत भी है...

श्राद्ध कर्म विधि में कौवे को भोजन क्यों कराया जाता है ? कौए को भोजन कराने से सभी तरह का पितृ और कालसर्प दोष दूर...

अमावस्या पर अति आवश्यक है श्राद्ध करना

मान्यता है कि आश्विन मास के कृष्णपक्ष में यमराज सभी पितरों को अपने यहां से छोड़ देते हैं, ताकि वे अपनी संतान से श्राद्ध...

दानवीर कर्ण को भी करना पड़ा श्राद्ध तभी मिली पितरों को मुक्ति

हिन्‍दु धर्म के लगभग सभी लोग महाभारत व उसके एक-एक पात्र से परिचित होंगे ही और सभी यह भी जानते होंगे कि महाभारत में...

क्या स्त्रियां भी कर सकती हैं पिंडदान? आइए जानते हैं पंडित अतुल शास्त्री से

पुत्राभावे वधु कूर्यात, भार्याभावे च सोदन:। शिष्‍यों वा ब्राह्म्‍ण: सपिण्‍डो वा समाचरेत।। ज्‍येष्‍ठस्‍य वा कनिष्‍ठस्‍य भ्रातृ: पुत्रश्‍च: पौत्रके। श्राध्‍यामात्रदिकम कार्य पुत्रहीनेत खग: पुत्र की अनुपस्थिति...

आखिर किसने शुरू कि श्राद्ध की परम्परा और जानें हमारे पितर कौन-कौन है और...

श्राद्ध के बारे में अनेक धर्म ग्रंथों में कई बातें बताई गई हैं। महाभारत के अनुशासन पर्व में भी भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को...

श्रद्धया दीयते यत् तत् श्राद्धम्।

‘श्राद्ध’ का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए। पितरों के लिए श्रद्धापूर्वक किए गए पदार्थ-दान (हविष्यान्न, तिल, कुश, जल के दान) का...

पितृ पक्ष का महत्व तथा पितृ दोष शान्ति

ऐसी मान्यता है कि देवताओं से पहले पितरो को प्रसन्न करना अधिक कल्याणकारी होता है। देवकार्य से भी ज्यादा पितृकार्य का महत्व होता है।...
हमार पूर्वांचल

क्यों मनाया जाता है श्राद्ध…? 

ॐदेवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्यएव च। नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।। पितृ्पक्ष अर्थात श्राद्धपक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्चिन कृ्ष्ण अमावस्या तक रहते है. इस प्रकार प्रत्येक...