Home भदोही क्या सपना दूबे के बढ़ते राजनैतिक कद से घबरा गये हैं विरोधी

क्या सपना दूबे के बढ़ते राजनैतिक कद से घबरा गये हैं विरोधी

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भाजपा नेत्री सपना दूबे और बेचीनामा की कापी

आखिर क्यों कथित फर्जी मुकदमें में फंसाने की रची गयी साजिश

भदोही भारतीय जनता पार्टी की तेज तर्रार नेत्री सपना दूबे का नाम भदोही जिले की महिला नेताओं में एक जाना पहचाना नाम बन चुका है। पिछले विधानसभा चुनाव में भदोही से भाजपा के टिकट की प्रमुख दावेदार रही सपना दूबे को भले ही टिकट नहीं मिला हो किन्तु वे अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने में कामयाब रही हैं। विशेषकर भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं श्रीमती दूबे का काफी क्रेज बन चुका है। अपने भाषणों में बोल्ड अंदाज से अपनी बातों को रखने वाली सपना ने अपना राजनैतिक कैरियर गोपीगंज नगरपालिका से शुरू किया था, लेकिन सामाजिक कार्यों में लगातार सहभागिता और लोगों की सहायता करने के जूनून ने उन्हें चर्चित कर दिया है। शायद इन्हीं कारणों से उनके बढ़ते कद को कम करने के लिये दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर वार करने वाली कहावत को चरितार्थ किया जा रहा है। आइये देखते हैं क्या है पूरा मामला..

सपना दूबे पर किसने कराया मुकदमा

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर भाजपा नेत्री सपना दूबे और अमवामाफी के अनुराग के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। गोपीगंज थाना क्षेत्र के केदारपुर गांव निवासी मान सिंह की पत्नी मुन्नी देवी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि अमवामाफी के अनुराग और गोपीगंज नगर निवासी महिला भाजपा नेत्री सपना दूबे एक अप्रैल 2015 से अब तक उनका बोलेरो नंबर यूपी 66 एम 0120 के सभी कागजात यह कह कर लिया था कि उसे स्वास्थ्य विभाग में अटैच करा देंगे। इसके एवज में 30 हजार प्रतिमाह किराया के रूप में दिया जाएगा। आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से बेचीनामा कराकर वाहन को अपने नाम करा लिया गया है। परिवहन कार्यालय में भी भाजपा नेत्री सपना का नाम दर्ज कर लिया गया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सपना और अनुराग के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 419, 420, 467, 468 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर गोपीगंज पुलिस मामले को दर्ज कर विवेचना में जुट गई है।

क्या कहना है भाजपा नेत्री सपना दूबे का

इस मामले में एक बड़ी राजनीतिक साजिश की बू आ रही है क्योंकि सपना दूबे ने खुद बयान देते हुये कहा कि किसी के इशारे पर उनके छवि को खराब की जा रही है।
श्रीमती दूबे ने बताया कि मुन्नी देवी पत्नी मान सिंह निवासिनी केदारपुर भदोही ने अपनी गाड़ी up 66 m 0120 एक्सीडेंट के बाद बनारस महिन्द्रा एजेंसी बनने हेतु दी थी। एजेंसी से इस महिला पर दबाव बन रहा था। बताया कि वह महिला आशाकर्मी है। जिस तरह सब अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं उसी तरह यह भी अपने पुत्र विजय सिंह को लेकर मेरे पास आई। उसने कहा कि हमारी यूनियन बैंक में हमारी अच्छी पैठ है आपके पास खेत है हम लोन करा देंगे। आप खेत पर पैसा लेकर उसका उपयोग करिए हमलोगों ने लोन नहीं कराया उस समय मेरे परिवार व मित्र जनों के साथ गाड़ी फाइनेंस कराने की बात चल रही थी। महिला व उसके बेटे सब सुन कर बोले फाइनेंस कराएंगे अगर तो तीन लाख कम से कम डाउन पेमेंट जमा करेंगे उसके बजाय हमारे पास गाड़ी है उसे आप ले लिजिए मगर वो एक्सीडेंट हो गयी थी व बनकर बनारस एजेंसी में खड़ी है मेरे पास उसे छुड़ाने के पैसे नहीं है आप कैश में मुझे 2,70000 दे दिजिएगा व 80,000 एजेंसी को देकर गाड़ी छुड़ा लिजिए मैं आपको बेचीनामा कर दूंगी। कुछ गवाहों के समक्ष बेचीनामा 4-3-2015 को होने के पश्चात मेरे पति 80000 लेकर मुन्नी सिंह व उसके बेटे के साथ गाड़ी लेने महिन्द्रा एजेंसी बनारस गये जहाँ गाड़ी बनकर खड़ी थी जाने पर पता चला कि बिल 1,02700 एक लाख सत्ताइस सौ बाकी है पति के पास मात्र 80000 थे निकट के ए टी एम द्वारा पैसे निकाल कर 1 लाख 27 सौ का भुगतान किया गया तत्पश्चात गाड़ी लाकर सर्विस कराकर हर्ष इण्टर प्राइजेज में चलाने हेतु अटैच कर दिया उनके द्वारा यह कहा गया कि युनियन बैंक में जो किस्त है उसे मैं जमाकरके एनओसी दे दूंगी। उसे आप ट्रांस्फ़र करा लिजिएगा। मेरी जानकारी मे 6 किस्त बताई गयी थी, जबकि किश्त बहुत ज्यादा था कुछ माह बाद किश्त न जमा करने पर बैंक मैनेजर ने इन्हे फोन किया किश्त जमा करें अथवा गाडी खिंच जाएगी। इनके द्वारा बैंक मैनेजर को यह बताया गया सी एम ओ आफिस में गाड़ी लगी है मैनेजर ने सी एम ओ आफिस फोन किया गाड़ी का भुगतान बैंक को किया जाय तब सी एम ओ द्वारा मुझे पता चला तब मैंने मुन्नी सिंह को किश्त जमाकर एन ओ सी दिजिए। गाड़ी मुझे ट्रांस्फ़र करानी है तब माँ बेटे ने अश्वासन दिया कलकत्ता में हमारी जमीन है बिक रही है जल्दी किश्त जमाकर एन ओ सी देंगे लेकिन यही सब कहते कहते 16 माह बीत गये तब भी एन ओ सी नहीं दिया। तत्पश्चात उनके साथ आए सुरेश शुक्ल निवासी शुक्ल पुर मान सिंह उसके पति पुत्र विजय सिंह मुन्नी सिंह हमारी ओर से सुनील कुमार, रंजीत कुमार, शिवम् दुबे, अनुराग सबके सामने हिसाब हुआ। जिसमें सुरेश शुक्ल ने कहा 90,000 मुन्नी सिंह सपना दूबे को देंगी व सुरेश शुक्ल जो मुन्नी सिंह के खास हैं ने मौखिक गारंटी दी कि आप गाड़ी दे दो ये आपको 90000 दे देंगी 10 से 15 दिन में सभी के समक्ष महिला व उसके बेटे व पति द्वारा हामी भरी व गाड़ी व पेपर लेकर चली गयी। 20 दिन बाद जब मैं फोन की तो रोने लगी जब जब मैं पैसे हेतु कहती ये समय मांगती रही इसी में लगभग 18 माह बीत गया। तत्पश्चात किसी के भड़कावे में आकर यह महिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष व कोर्ट से मुकदमा कर दी। तत्पश्चात इसने मुझे धमकी देना शुरू कर दिया आप सामाजिक हैं समाज में छवि है आपकी छवि को मैं धूमिल कर दूंगी मेरे साथ आपके बहुत से प्रतिद्वंद्वी हैं उनका सपोर्ट है यह सब नहीं चाहती तो पैसा भूल जाइए।

क्या कहते हैं तथ्य

देखा जाय तो सपना दूबे भाजपा की एक चर्चित महिला नेत्री हैं और समाज में उनकी अच्छी छवि भी है। सामाजिक कार्यों में बढ़चढकर भागीदारी निभाने के कारण कई लोगों को यह बात खटकती भी है। आरोप लगाने वाली मुन्नी सिंह ने खुद बेचीनामा पर हस्ताक्षर किया है। पुलिस को चाहिये कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच करके उन चेहरों को भी बेनकाब करे जो पर्दे के पीछे रहकर सपना की छवि को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। खैर सच क्या है वह सामने आयेगा ही, लेकिन सपना दूबे का बयान और बेचीनामा खुद ही सारी हकीकत बयां कर रही है।

सोशल मीडिया पर छाया मामला

भाजपा नेत्री सपना दूबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के पश्चात यह मामला सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ चुका है। फेसबुक और व्हाट्सअप पर उनके समर्थक पोस्ट करके इस मामले को फर्जी बताकर विरोध कर रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये।

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