भदोही। गर्मी के मौसम में शुरू हुई शादी विवाह की रस्म और रिश्तेदारों के आवागमन करना लोगों को मुश्किल हो गया है। रास्ते में पानी की समस्या, छांव न होने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। इन समस्याओं पर आईये देखते हैं आर.बी.सिंह ‘खूंटातोड़’ की रिपोर्ट ..
रास्ते में बाइक पंचर होते ही बढ़ जाती है समस्या
भदोही। गर्मी के शुरू हुये शादी विवाह के मौसम में रिश्तेदारों के विवाह निमंत्रण पर मध्यवर्गीय लोगों के लिये हाजिरी लगाने का एकमात्र साधन मोटरसाइकिल ही रह गया हैं। ऐसे में अगर भदोही के मोढ, सुरियाँवा, करियाँव, आलमगंज बजार होते हुए जौनपुर के सुखलालगंज क्षेत्र के तरफ जाना हो तो खङंजा सङक पर मोटरसाइकिल पंचर हो जाना कोई नयी बात नहीं।
बता दें कि जौनपुर के रसुलहाँ परिहथ के चट्टी पर ही पंचर बनाने की केवल दो ही दुकानें है। परंतु इस प्रचंड गर्मी मे मोटरसाइकिल को धकेलकर इतना दूर ले जाने मे अच्छे अच्छे ताकतवरों की हालत खराब हो जाती है। लिहाजा इन क्षेत्रो मे पंचर बनानेवालो की दुकानों की जरुरतें लोगों को महसूस होती हैं।
डुईंया गांव के सामने का बगीचा से मिलता है राहगीरों को छाँव
भदोही। करियाँव बजार से नजदीक देईपुर जाने से पहले ही उस मोङ पर सटे चौराहे के बगल का वह पुराना बगीचा तपती हुई गर्मी से राहगीरों को थोङा तो ठंडक जरुर देता है। प्रायः इस रास्ते से आने जाने वाले मुसाफिर वहाँ सुस्ताते नजर आते हैं।
ज्ञातव्य हो कि वर्षो पहले वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से ग्रामीण एवं शहरी इलाको के वातावरण में काफी बदलाव आया है। जगह जगह सङक के किनारे वृक्षों की कमी के कारण गर्मी के मौसम में उस रास्ते से आनेजानेवाले राहगीरों को इस बगीचे के वृक्षों के नीचे तनिक देर विश्राम कर लेने से पुनः यात्रा स्फूर्तिदायक बन जाती है।
बाइक सवार कहां करें पार्किंग
भदोही। मेघदूत होटल से स्टेशन रोड के पास तक सङक के दोनों तरफ छायादार वृक्षों के न होने से आमजनों को अपनी निजी गाङियो की पार्किंग करने की जगह मौजूद रहते हुए भी भयंकर गर्मी के कारण परेशानी हो रही है।
गौरतलब हो कि कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन का भदोही स्टेशन पर पङाव होने के कारण प्रतिदिन मुंबई आनेजानेवाले यात्रियो का इसी स्टेशन से सरोकार रहता है, जहाँ बाईक एवं निजी वाहनों के सहारे ही यात्री अपने दोस्तो रिश्तेदारों के साथ इस स्टेशन पर आते जाते हैं, लेकिन रेलगाङियो के विलम्ब होते ही तथा वृक्षों की कमी के कारण तपती धूप मे अपनी गाङिया खङी रखना उन सबकी मजबूरी बन जाती है। ऐसे में क्षेत्रवासियों को सरकार को ज्ञापन देकर इस समस्या पर ध्यान आकृष्ट कराना जरुरी बन जाता है।