मिर्जापुर। तापमान बढ़ने के साथ पेयजल संकट भी गहरा गया है। जनपद के पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में अधिकतर हैंडपंपों से पानी नहीं आ रहा है। अधिकतर कुएं भी सूख गए हैं। इसके चलते पेयजल के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। जहां कहीं टैंकर से पानी भेजा जा रहा है वहां घंटों प्रतीक्षा के बाद भी कई लोगों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है। पहाड़ियों से घिरे लहुरियादह इलाके में सबसे अधिक पेयजल संकट है। दो-तीन किलोमीटर की दूरी तय कर लोग चुआड़ (पहाड़ियों से रिसकर गिरने वाला पानी) लाकर प्यास बुझाते हैं।
जिले में 45961 हैंडपंप हैं जिसमें 44948 चालू हालत में हैं जबकि 356 हैंडपंप रीबोर के लायक हैं जिनकी मरम्मत नहीं की जा सकी है। गर्मी बढ़ने के साथ ही भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है जिससे अधिकतर हैंडपंपों से पानी नहीं आ रहा है। हलिया ब्लाक में पेयजल का सबसे अधिक संकट है। यहां का लहुरियादह इलाका पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इससे यहां पर सबसे पहले हैंडंपप व कुएं का पानी सूख जाता है। यहां के लोग तीन किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ों से चुआड़ का पानी एकत्रित कर लाते हैं। उन्हें एक बाल्टी पानी के लिए पूरे दिन इंतजार करना पड़ता है। इसी ब्लाक के मतवार में पानी की घोर समस्या है। लालगंज के अधिकांश गांव पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। मड़िहान तहसील क्षेत्र के लूसा, पोखरौद, सेमरी, सरसो, करौदा, पहाड़ी, राजगढ़ पहाड़ी, नदिहार, नुनौटी, पतार, तालर आदि गांवों के अधिकतर हैंडपंपों से पानी नहीं आ रहा है। छानब, जमालपुर, पहाड़ी के अलावा अहरौरा, चुनार के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। शासन ने टैंकर से पेयजल मुहैया कराने का निर्देश दिया है लेकिन ग्राम प्रधान ऐसी व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं।
मड़िहान क्षेत्र के पटेहरा ब्लाक के पटेहरा कला ग्राम प्रधान संघ का प्रतिनिधि मंडल हिनौता के ग्राम प्रधान ओमप्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक माह पूर्व मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें पेयजल संकट से अवगत कराया था। बताया कि इलाके में तीन लाख लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। 98 हैंडपंप रिबोर के लिए चिह्नित किए गए हैं। इनकी मरम्मत नहीं होने से पेयजल की समस्या बढ़ गी हैै। सीएम ने संबंधित जिले के अधिकारियों को खराब हैंडपंपों की रिबोर कराने और टैंकर से पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई।