इलाहाबाद। अपने ही साथी साधू की हत्या के मामले में 11 साल से फरार चल रहा साधु शुक्रवार को पुलिस के शिकंजे में आ गया। पंचदशनाम जूना अखाड़े से संबंधित इस साधु को पुलिस ने बिहार के मुंगेर जिले से गिरफ्तार कर लिया। वहां वह एक मंदिर में छिपकर रह रहा था। इस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।
शुक्रवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने आरोपी साधु को मीडिया के सामने पेश किया। एएसपी सुकीर्ति माधव ने बताया कि 2007 अर्धकुुंभ के दौरान दारागंज थाना क्षेत्र के प्रयागघाट रेलवे स्टेशन के पास अखाड़े का कार्यालय बनाया गया था। वहां पर परमेश्वर पुरी उर्फ पंचम पुत्र मनोहर सिंह (निवासी डीहा, बेगूसराय बिहार) भी रहता था। उसी अखाड़े में बाबा शनि पुरी का भी ठिकाना था। बताया कि परमेश्वर का साथी हाशिम रजा उर्फ अमन पुत्र नजीरुद़्दीन (निवासी किशनगंज बिहार) गद्दों, तख्त आदि की आपूर्ति करता था। एक दिन इसी के पैसों को लेकर दोनों का शनि पुरी से झगड़ा हो गया। इसके बाद भी कई बार विवाद हुआ। पुलिस की मानें तो इसी विवाद के चलते परमेश्वर ने हाशिम के साथ मिलकर अखाड़े के कार्यालय में ही शनि पुरी की गला दबाकर और चाकू मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया। आरोपियों ने घटना को फांसी का रूप देने के लिए शव शौचालय के शेड में रस्सी पर लटका दिया था। कुछ दिनों बाद पुलिस ने हाशिम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि परमेश्वर हाथ नहीं लग सका।
एएसपी ने बताया कि फरार साधु पर पहले 10 हजार का इनाम घोषित किया गया, जिसे बाद में बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया। पुलिस उसकी तलाश में लगी थी कि इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी साधू बिहार के मुंगेर में छिपा है। इस पर पुलिस टीम ने उसे वहां पहुंचकर दबोच लिया। बताया कि आरोपी मुंगेर के दुमंठा घाट के पास स्थित एक शिव मंदिर में छिपकर रह रहा था।