लखनऊ : समाज में रहने के लिए आध्यात्मिक अर्थशास्त्र से अवगत होना आवश्यक है। जो कि प्रकृति से अहिंसक होने के साथ मात्र हमारी आवश्यक्ताओं को केंद्र में रखता है ना कि लोभ को। समय आ गया है कि हम श्रीमद्भगवद्गीता के नौवें अध्याय के बाइसवें श्लोक से प्रणीत आध्यात्म द्वारा निर्दिष्ट भौतिकवाद का अनुसरण करें। आज के उपभोक्तावाद के दौर में हर व्यक्ति को मन में रखना चाहिए कि ईश्वर हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति को वचनबद्ध हैं न कि हमारी लोभपूर्ति को। लेखक इसे आध्यात्मिक अर्थशास्त्र कहते हैं। मानव पूंजी के रूप में मानव विकास के लिये आवश्यक है कि व्यक्ति को सरल, नैतिक, कार्यउन्मुख, उत्तरदायी एवं पारदर्शी होना चाहिये। उपरोक्त विचार आध्यात्मिक अर्थशास्त्र को समसामयिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में रखते हुए जगन्नाथ विश्विद्यालय जयपुर के कुलपति प्रो. मदन मोहन गोयल जी ने “प्रो शारदा प्रसाद तिवारी मेमोरियल ट्रस्ट” द्वारा आहूत “मानव विकास में आध्यात्मिक अर्थशास्त्र” विषयक व्याख्यान में व्यक्त किये।
अर्थशास्त्री प्रो तिवारी के द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजकों द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान” गोमती नगर लखनऊ में एक व्याख्यान, शारदा सम्मान २०१९ एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति ए आर मसूदी, उच्च न्यायालय इलाहबाद, विशिष्ट अतिथि एस एस उपाध्याय, पूर्व विधि सलाहकार, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, प्रो नीलमणि वर्मा, कुलपति- डॉ भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो एस पी सिंह, कुलपति- लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ ने की।
मुख्य अतिथि माननीय जस्टिस ए आर मसूदी ने ट्रस्ट के कार्य को सराहा और उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वचन दिए। विशिष्ट अतिथि श्री उपाध्याय एवं श्री वर्मा ने विस्तार से प्रो तिवारी के जीवन चरित, कृतित्व एवं उनसे जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर शिक्षा, पत्रकारिता, विधिक्षेत्र, प्राकृतिक कृषि, समाजसेवा, पर्यावरण संरक्षण तथा दिव्यांग बच्चों को समर्पित जीवन, उत्कृष्ट योगदान और अनूठे प्रयोगों के लिए १२ विशिष्ट जनों को “शारदा सम्मान-२०१९” से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले इन विशिष्टजनों में प्रोफेसर जसवंत सिंह, प्रोफेसर मनोज अग्रवाल, प्रोफेसर शीला मिश्रा, डॉ किरण लता डंगवाल, डॉ रेखा शर्मा, श्री सुधीर मिश्रा, श्री ज्ञानेंद्र शुक्ला, श्री अखिलेश कुमार अवस्थी, श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह, श्री विशाल सिंह, श्री चन्द्र भूषण तिवारी, एवं श्रीमती कुसुम कमल हैं।
अध्यक्षता कर रहे प्रो एस पी सिंह, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय ने आयोजकों के निर्णय की सराहना की एवं लोगों के लिए अनुकरणीय बताया। ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ मंजुला उपाध्याय ने सभी का स्वागत एवं आभार प्रकट किया एवं लोगो से ट्रस्ट के कार्यों में सहयोग की अपील की। ट्रस्ट के सचिव श्री पवन कुमार उपाध्याय ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम के लिए डॉ अंजुला, डॉ निलय, शैलजा, निमिषा, विदुला, वत्सला, वल्लभी, हेमंत, एवम् आनंद जैसे पार्श्व के सहयोगियों के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन आनंद मिश्रा ‘दिव्य’ ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुखरूप से प्रोफेसर आर के मिश्रा, प्रोफ़ेसर ए पी तिवारी, प्रो पी के सिन्हा, डॉ बृजेंद्र पांडे, विभिन्न क्षेत्रों और सरोकारों से जुड़े विशिष्टजन, अधिवक्ता, समाजसेवी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, मनीषी एवं परिजन समिलित हुए। कार्यक्रम के अंतिम चरण में उपस्थित जनों ने प्रो तिवारी के प्रिय भजनों का आनंद लिया। अतुल तिवारी एवं उनके सथियों ने अपने भक्ति रस के भजनों से श्रोताओं का मन मोह लिया।