Home भदोही 14 अवैध वेंडर पकड़े गये, किन्तु असली दोषी कौन?

14 अवैध वेंडर पकड़े गये, किन्तु असली दोषी कौन?

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ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर पवन एक्सप्रेस में आरपीएफ व् जी आर पी द्वारा अवैध वेंडरों के विरूद्ध चलाये गये अभियान के तहत 14 अवैध वेंडरों को पकड़कर चालान किया गया। लेकिन सवाल उठता है कि रेल में लगातार बढ़ रही अवैध वेंडरों की संख्या के लिये असली दोषी कौन है?

जानकारी के अनुसार बीती देर रात ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन से कैंट तक पवन एक्सप्रेस ट्रेन में आरपीएफ और जीआरपी के लोगों ने सघन अभियान चलाकर 14 वेंडरो को पकड़कर जब छानबीन किया तो सभी अवैध वेंडर निकले जिनका चालान 144 रेल के तहत कर दिया गया। इस दौरान वेंडरों में हड़कंप की स्थिति बनी रही। बताते चलें इन दिनों ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन समेत अन्य कई स्टेशनों पर तथा ट्रेनों में कई घटनाएं हो चुकी हैं जिसको लेकर RPF तथा जीआरपी पुलिस की सक्रियता काफी तेज हो चुकी है इस दौरान माधो सिंह जीआरपी चौकी प्रभारी बुद्धिसागर यादव RPF के जेपी सिंह, मोइनुद्दीन समेत लोग रहे।

आखिर कौन है असली दोषी?

रेलयात्रा के दौरान यात्रियों को सबसे अधिक परेशानी अवैध वेंडरों से होती है जो एक के बाद एक तेज आवाज में यात्रियों को परेशान कर देते हैं। यात्रियों को लगता है जैसे वे किसी रेल में यात्रा नहीं कर रहे हैं बल्कि किसी घटिया बाजार में आ गये हैं। जिस रेल में बिना टिकट कोई यात्रा नहीं कर सकता उसमें यह अवैध वेंडर बेधड़क होकर अपनी दुकान चलाते हैं। टिकट चेक करने वाला टी.टी. ठी उन्हें देखकर अनदेखा कर देता है।

रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिये तैनात रेलवे पुलिस भी इन वेंडरों को कुछ नहीं बोलती। यदि इन अवैध वेंडरों से बात कीजिये तो यह लोग सीधे बताते हैें कि किसे सुविधा शुल्क देकर अपनी दुकान चला रहे हैं। गुडवर्क दिखाने के लिये कभी कभी जीआरपी और आरपीएफ अभियान चलाकर कुछ वेंडरों को पकड़ लेती और दूसरे ही दिन चंद रूपये जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है। पकड़े गये वहीं वेंडर ​दूसरे दिन रेल में अपनी दुकान चलाना शुरू कर देते हैं।
यदि अधिकारी वास्तव में ऐसे वेंडरों पर सख्ती करना चाहते हैं तो यह नियम भी बना दें कि जिस डिब्बे में अवैध वेंडर मिलेंगे उसमें तैनात रेल सुरक्षाकर्मी और टीटी के विरूद्ध भी कार्रवाई होगी।

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