Home आजमगढ़ 37 बर्तन समा गये एक सिक्के पर

37 बर्तन समा गये एक सिक्के पर

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आजमगढ़ । राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिल्पकार स्व. राजेंद्र प्रसाद प्रजापति के पुत्र शिवरतन प्रजापति अपनी कला के दम पर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने की कोशिश में जुटे हैं। अपनी मिनीएचर पॉटरी को शिवरतन और निखारने में जुटे हुए हैं।
बता दें कि कुछ माह पहले माचिस की तीली पर 10 और सिक्के पर 30 बर्तन बनाने वाले शिवरतन ने अबकी तीली पर 14 और सिक्के पर 37 बर्तन बनाकर सजा दिए हैं। हालांकि लक्ष्य तीली पर 15 और सिक्के पर 40 बर्तन की है। निजामाबाद कस्बा ब्लैक पॉटरी के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। इस कस्बे के कई शिल्पकारों को उनकी कला के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
निजामाबाद के शिल्पकार स्व. राजेंद्र प्रसाद प्रजापति 1987 में राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे गए थे। आज उन्हीं के बेटे शिवरतन प्रजापति ब्लैक पॉटरी को और मिट्टी के बरतन को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए और अपनी अलग पहचान बनाने के लिए गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
शिवरतन राजस्थान के गिलावा के नाम जो रिकार्ड दर्ज है उसे तोड़ने के लिए वह पहले ही माचिस की तीली और सिक्के पर 10 मिट्टी के बर्तन बना चुके हैं। अब उन्होंने एक रुपये के सिक्के पर 37 ब्लैक पॉटरी मिनीएचर बनाकर और माचिस की तीली पर 14 बर्तन बना दिए हैं। उनकी इस कला को देखने को लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।
शिवरतन का कहना है कि मैं अपनी कला से अलग मुकाम हासिल करना चाहता हूं। जिसके लिए मैं प्रयास कर रहा हूं।
जिला उद्योग प्रबंधक अनुराज कुमार ने कहा कि शिवरतन की इस कला को देख चुका हूं। शिव रतन सक्रिय शिल्पकार हैं। अंतरराष्ट्रीय मेले में भी भाग लेते रहते हैं। उन्होंने बताया था कि वो रिकार्ड की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। उन्का कहना है कि मैं अपनी कला को इतना विकसित कर लूं कि गिनीज बुक के लोग उनसे स्वयं संपर्क करें। विभाग की ओर से उन्हें हर संभव मदद की जाएगी।

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