Home मुंबई विश्व मैत्री मंच द्वारा आन-लाइन महिला कवियत्रियों की भव्य कविगोष्ठी संपन्न

विश्व मैत्री मंच द्वारा आन-लाइन महिला कवियत्रियों की भव्य कविगोष्ठी संपन्न

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मुंबई। विश्व मैत्री मंच की महाराष्ट्र इकाई द्वारा ऑनलाइन महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में रखा गया। महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्षा आभा दवे द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में देशभर के पच्चीस रचनाकारों ने भाग लिया। आदरणीया संतोष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई एवं महाराष्ट्र विश्व मैत्री मंच की इकाई अध्यक्ष आभा दवे के स्वागत भाषण के बाद सभी रचनाकारों ने अपनी एक से बढ़कर एक स्वरचित रचनाएं “हिंदी की बिंदी” को केंद्र में रखकर प्रस्तुत की और हिंदी भाषा का गुणगान गाया । सभी ने अपनी रचनाओं में हिंदी को विश्व भर में पहचान मिल रही है इसका उल्लेख बखूबी किया ।

ऊषा सक्सेना, संतोष श्रीवास्तव, आभा दवे, नीरजा ठाकुर, अलका पांडे, नम्रता सरन, डॉ सुधा चौहान, माया बदेका, सत्यवती मौर्य, रजिया रागनी, मृदुला मिश्रा, प्रमिला झरबड़े, उर्मिल जैन, डॉ मीरा पांडे, डॉ प्रभा शर्मा, उषा सोनी, शोभा रानी तिवारी, शेफालिका श्रीवास्तव, शिल्पा सोनटक्के, ज्योति झरबड़े, डॉ.सरोजा लोडाया, उषा साहू, आदि ने काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दिव्या जैन ने सभी की रचनाओं का बेहतरीन आकलन करते हुए कहा कि हिंदी ने पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और आगे भी हिंदी का भविष्य उज्जवल है। हिंदी भाषा भारत माता की बिंदी है। इसकी लालिमा हमेशा भारत का गौरव गान करेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षा संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि -विश्व मैत्री मंच अपने देश भर की इकाइयों में हिंदी दिवस मना रही है और ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन कर रही है। यह “हिंदी भाषा साहित्य उत्सव” पूरे एक सप्ताह तक देश की अलग-अलग इकाइयों में मनाया जा रहा है ।

“हिंदी भाषा साहित्य उत्सव” के अंतर्गत विश्व मैत्री मंच की महाराष्ट्र इकाई की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संतोष जी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा – हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है साथ ही हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि आज पूरे विश्व में हिंदी ने अपना परचम लहराया है और व्यापार के क्षेत्र में उन्नति कर रही है। व्यावसायिक रूप से भी हिंदी पूरे विश्व भर से जुड़ गई है और पूरे विश्व में अपने पैर पसार रही है। विदेशी कंपनियों ने भी हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में अपनाया है और विश्व के व्यापार को उन्नत करने में हिंदी अपना योगदान दे रही है। ” हिंदी की बिंदी” को केंद्र में रखकर सभी रचनाकारों ने जो अपनी एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की उसके लिए संतोष श्रीवास्तव जी ने सभी रचनाकारों को बधाई दी एवं हिंदी का भविष्य उज्जवल बताया सभी को हिंदी भाषा का प्रयोग अधिक से अधिक करें इसके लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम के आयोजन के लिए महाराष्ट्र विश्व मैत्री मंच की इकाई अध्यक्ष आभा दवे एवं सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई दी और सभी को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं संतोष श्रीवास्तव जी ने प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन रानी मोटवानी, दीप प्रज्वलन डॉ प्रभा सागर शर्मा, सरस्वती वंदना शिल्पा सोनटक्के तथा आभार रजिया रागिनी ने व्यक्त किया।

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