कहते हैं रस्सी भले ही जल जाये किन्तु ऐंठन नहीं जाती है। ऐसा ही देखा जा रहा है समाजवादी के नाम पर गुण्डई करने वाले समाजवादी गुण्डों की, जो वाराणसी में समाचार संकलन करने गये एक पत्रकार के उपर जानलेवा हमला ही नहीं किया बल्कि उसे सरेराह दौड़ा दौड़ा कर पीटा भी गया। हद तो यह है कि यह कारनामा योगी सरकार में हो रहा जो लोगों को सुरक्षा देने की बात करती है।
बता दें कि सत्ता भले ही बदल गयी किन्तु आज भी देश में जहां किसी भी स्तर का व्यक्ति सुरक्षित नही है। देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार भी इस देश में सुरक्षित नहीं है। वैसे तो पत्रकारों पर हमले की खबर तो हम आये दिन अखबारों में पढ़ते रहते है, परंतु बुधवार को वाराणसी जनपद में पत्रकार पर हमले का मामला साक्षात देखने को मिला। जहां एक ओर पीड़ित पत्रकार न्याय की आस लिये जनपद के थाना चेतगंज में बैठा था, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों की संख्या में शराब के नशे में झूमते हुए पहुंचे सपा के नेता व कार्यकर्ता आरोपी को बचाने में लगे हुए थे।
बताया जाता है कि जनपद से प्रकाशित व प्रसारित होने वाले सांध्य हिंदी दैनिक काशीवार्ता के पत्रकार राजू दुआ अपने किसी निजी कार्य से चेतगंज थाना क्षेत्र में पड़ने वाले रामकटोरा इलाके से अपने मित्र बंटी नामक युवक के साथ कही जा रहे थे कि रास्ते मे कुछ लोगों के द्वारा मजदूरों को मारा पीटा जा रहा था। जिस पर समाचार संकलन के नीयत से उक्त पत्रकार अपनी गाड़ी को रोक दिया। जिसपर हमलावरों के द्वारा उक्त पत्रकार को अकारण ही जान से मारने की नीयत से उस पर हमला बोल दिया गया और उसका मोबाइल, चश्मा इत्यादि को भी मार कर तोड़ दिया गया। इतना ही नही लबे सड़क उक्त पत्रकार को दौड़ा दौड़ाकर जमकर मारा पीटा गया। घटना की जानकारी भुक्तभोगी के द्वारा तत्काल चौकी प्रभारी नाटी इमली विश्वनाथ प्रताप सिंह को दी गई। जिस पर तत्काल चौकी प्रभारी घटना स्थल पर पहुंचे और मौके से एक व्यक्ति बच्चा पटेल को पकड़कर थाने ले आये।
इधर बच्चा पटेल की गिरफ्तारी की बात फैलते ही सपा के नेता प्रमोद राय धूपचंडी, लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष दीप चंद गुप्ता उर्फ दीपू, सहित कई नेता व सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता थाने पर जुट गए और आरोपी को छोड़ने का नाजायज दबाव बनाने लगे। वही सपा नेता दीप चंद गुप्ता उर्फ दीपू के द्वारा थाने पर मौजूद चौकी प्रभारी से बद्तमीजी भी की गई जिस पर चौकी प्रभारी के द्वारा उक्त सपा नेता को डांट पिलाई और वहां से भगा दिया।
अब सवाल यह उठता है कि क्या देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के संसदीय क्षेत्र में भी पत्रकार सुरक्षित नही है। समाजवादी पार्टी की सरकार तो चली गई लेकिन कार्यकर्ताओ के रूप में उनके गुंडे आज भी है सक्रिय है, जबकि बच्चा पटेल खुद अपने आपको समाजवादी पार्टी का पदाधिकारी कहता है और उसके व उसके साथियों के द्वारा ही राजू दुआ को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया।
सबसे बडी बात यह है कि चाहे सपा की सरकार रही हो या न रही है मगर इनके कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की गुंडई हमेशा रही है। आखिर क्या इन्ही दबंगो व अवांछनीय तत्वों के बदौलत सपा मुखिया आगामी आने वाले केंद्र व प्रदेश में सत्ता कब्जाना चाहते है। आखिर कब तक चलेगी ऐसी गुंडई।