भदोही : सरकार की योजनाओं को लापरवाही व भ्रष्टाचार की भेंट चढाने वाले विभाग और उनके अधिकारियों को किसी का डर या संकोच मानो है ही नही। केवल मनमानी खानापूर्ति व लापरवाही का पर्याय बन चुके है जिले के कई विभाग जिनके करतूत आये दिन देखने व सुनने को मिलती है।
एक मामला है जिले के लोक निर्माण विभाग से जुडा हुआ। जहां पर विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की तुलना कुम्भकर्णीय नींद से करना कम नही होगा। क्योकि अधिकारियों ने महज कुछ फीट की दूरी में तीन किमी सड़क की दूरी गायब कर दिये। इनकी यह करतूत सडक के किनारे लगे माइल स्टोन व शाइन बोर्ड के देखने से स्पष्ट हो सकता है। इसकी शिकायत जब विभाग से की गई तो विभाग लगभग एक माह बाद जागा और जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से बताया कि इस गलती को सुधार लिया जायेगा।
मामला डीघ ब्लाक के दानीपट्टी गांव का है जहां लोक निर्माण विभाग ने कौलापुर-सेमराध मार्ग पर एक शाइन बोर्ड लगाया है जिस पर सेमराध की दूरी नौ किमी जबकि वही कुछ फीट की दूरी पर लगा माइल स्टोन पर सेमराध की दूरी छः किमी दर्शायी गई है। वही दूसरी तरफ शाइन बोर्ड पर कौलापुर की दूरी चार किमी और गोपीगंज की दूरी सात किमी और माइल स्टोन पर कौलापुर की दूरी सात किमी लिखी गई है। यहां प्रश्न बनता है कि लापरवाह अधिकारियों ने इस पर ध्यान क्यों नही दिया? मालूम हो कि इस मार्ग पर जिला के आला अधिकारियों व नेताओं का भी आवागमन होता है लेकिन विभाग को तनिक भी डर नही लगा इतनी बडी लापरवाही करते हुए। इसकी शिकायत जब विभाग से की गई तो विभाग ने इसे जल्द सही करा लेने की बात जिलाधिकारी को बताई है। अब यहां विचारणीय तथ्य है कि विभागों की लापरवाही आम जनता कब तक बताकर इन्हें जगायेगी? और ये सरकारी नुमाइंदे केवल कागजी खानापूर्ति करने में मशगूल रहकर सरकार से वेतन लेकर मौज करें और केवल शिकायत के बाद ही जागें। वैसे कुछ भी हो जब तक लापरवाही करने वालों के खिलाफ शासन व प्रशासन कड़क नही होगा तब तक ऐसे ही सरकार की योजनाओं व कार्यों में पलीता लगाते रहेंगे भ्रष्ट व लापरवाह अधिकारी व कर्मचारी।