भदोही। गोपीगंज क्षेत्र के केदारपुर में आयोजित रामलीला में विभीषण शरणागत का कलाकारों द्वारा बडा ही मार्मिक भाव प्रस्तुत किया गया। भगवान श्रीराम की भक्ति से पहले ही मगन विभीषण को एक परम सौभाग्य तब मिल जाता है जब विभीषण रावण को राम के बारे में बताकर सीता माता को वापस करने और राम से माफी मांगने की सलाह देते है, तो रावण विभीषण की सलाह मानने की जगह भरी सभा में अपमानित करता है। और राज्य से निकल जाने का आदेश देता है। तब ही एक भक्त से भगवान का मिलने का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। और विभीषण राम की शरण में चले जाते है। उधर विभीषण को रामादल में आते देख लोग तरह-तरह की बातें कर रहे है कि यह राक्षस है, मायावी है, बहुरूपिया है। लेकिन श्रीराम ने सभी को यह कह कर मना लिया कि जो शरण में आ जाए उसे त्यागना पाप है। अतः शरणागत की रक्षा करना धर्म है।
भगवान श्रीराम की इस महानता को देखकर विभीषण और रामादल के सभी रीछ वानर श्रीराम के गगनभेदी जयकारा लगाते है। और श्रीराम का गुणगान करते है। विभीषण भी रावण के पाप की नगरी से निकलकर अपने आराध्य की शरण में आकर काफी खुश रहे।