प्रयागराज : जिले के फूलपुर के सराय, हरीराम गाँव मे 23 मार्च शनिवार को आयोजित सम्मान समारोह में अवकाश प्राप्त शिक्षक कमलाकांत तिवारी का सम्मान समारोह रखा गया जिसमें शिक्षाविद को भावभीनी विदायी दी गयी। जिसमें मुख्य अतिथि कमलाकांत तिवारी के अलावा पूर्व शिक्षक रामलक्षण यादव और फतेहबहादुर यादव तथा श्रीवास्तव जैसे अनेक गणमान्य विशिष्टगण उपस्थित रहे ।
समारोह में शिष्यों ने अपने गुरुदेव कमलाकांत तिवारी का सम्मान शाल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र दे कर किया तथा इस समारोह में पधारे सभी अवकाश प्राप्त शिक्षको एवं बुजुर्गो को भी शाल ,श्री फल एवं सम्मान पत्र दे कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
बता दें कि समारोह में विविध प्रकार की सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे गये थे जिसमें देश भक्ति गीत की जबरदस्त प्रस्तुती सोनम चौहान ,वसीम अहमद, अतुल पांडे , अजय यादव आदि ने किया जिसे काफी सराहना मिली। तत्पश्चात देश के शहीद जवान सैनिकों को भी श्रद्धांजली दी गयी।
श्री तिवारी सरकार के नियमानुसार तकरीबन 15 वर्ष पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके थे लेकिन अपने शिष्यों के प्रति उनका प्यार दुलार इस तरह समाहित था की पूर्व शिष्यों ने अपने गुरु जी का सम्मान अपने गाँव मे कुछ अलग ढंग से करना चाहते थे और वैसा ही किये।
इस आयोजन में उपस्थित भूतपूर्व शिक्षकों ने भी अपने अभिभाषण में सही मार्ग पर चलने के लिए सभी को प्रेरित किया। बेलहाबाध के शिक्षक रामलक्षण यादव ने अपने अभिभाषण में
कहा कि बुजुर्ग हमारी भारतीय संस्कृति की विरासत है ,समाज के निर्माण में उनकी भूमिका अहम होती है लेकिन पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारे ही घरों मे उस संस्कार को उपेक्षित कर दिया है लेकिन अब उन सबका पालन होना चाहिए।
कार्यक्रम मे उपस्थित समाजसेवक विजय यादव का अपने अभिभाषण में कहना था कि शिक्षक ही संस्क्रति के संरक्षक है, आने वाली पीढियों के मूर्तिकार है। वर्तमान पीढ़ी समय शक्ति का सही प्रयोग करे।
मुख्य अतिथि कमलाकांत तिवारी ने विधार्थीगणो एवं समारोह में बैठे सभी लोगों का अभिवादन करते हुए तथा अपने मन की अभिलाषा को व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से हमारे शिष्यों ने हमारा सम्मान किया उससे मै अभिभूत हूँ जिसे मरणोपरांत इसे नहीं भूल सकता। आज मै आपने आप को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ और साथ में यह भी कहना चाहूँगा कि यदि प्रधानमंत्री मोदी का सीना 56 ईंच का है वहां आज मेरे शिष्यों दारा सम्मान पा कर मेरा सीना 112 इन्च का हो गया है। इस अभिभाषण में श्री तिवारी बोलते बोलते थोड़ा भावुक भी हो गये क्योकिं कुछ ही दिन पहले उनका ही एक शिष्य का देहावसान हो गया था।
गुरु जी ने अपने उस शिष्य को श्रद्धांजलि भी अर्पित किये तथा सभी को देश के प्रति प्रेम,संस्कृति ,सभ्यता व संस्कार न भूलने की हिदायते भी दिए तथा बहुत सारे शिष्यों को प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित भी किए।
इस सम्मान समारोह में हजारों की संख्या मे लोग मौजूद रहे ,इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रदीप कुमार, सरोज,गोले यादव,सुरेश यादव, नीरज जयसवाल, आशीष दुबे ,अनिल सिंह मान सिंह, संतोष यादव, सचिन पान्डे ,नसीम अहमद आदि का बहुत बङा योगदान रहा।
इस कार्यक्रम में मंच संचालक का कार्य सफल पूर्वक और अपने अलग अंदाज मे गुड्डू पान्डे ने किया तथा राष्ट्रगान के साथ इस समारोह का समापन भी भारत माता की जय जयकार के साथ हुआ।