Home भदोही सियासत पर भारी पड़ा प्रशासन, नहीं तो जल जाती भदोही

सियासत पर भारी पड़ा प्रशासन, नहीं तो जल जाती भदोही

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लोगों के साथ बैठक करते अधिकारी

पिछले करीब दो दशक से भदोही की ​सियासत को करीब से जानने वालों यह ताज्जुब लगा होगा होगा कि ईद के दिन शहर से लगायत नई बाजार के फत्तूपुर अमरौना मोहल्ले में ​दलित और मुस्लिम युवको के बीच हुये बवाल के बाद तूल पकड़ी गरमाहट पर किसी की सियासती रोटी नहीं सिंक पायी पहल तो तो अवश्य हुई किन्तु प्रशासनिक रणनीति मौका परस्तों पर भारी पड़ गयी। मजे की बात तो यह है कि प्रशासन कानून का कड़ाई से पालन करने, मामले को घंटे भर के अंदर नियंत्रित करने एवं स्थानीय लोगों समेत दोनों पक्षों का विश्वास हासिल करने पर कामयाब होगा किन्तु सियासत दां चाहकर भी इस मामले को भुना नहीं पाये। जबकि शुरूआत में नगर के विभिन्न दलों के लोग अपनी मायावी हमदर्दी लिये संबंधित पक्षों को सहानुभूति देने एवं मदद के लिये बढ़कर आगे चलने का अपरोक्ष संकेत भी दिया। किन्तु प्रशासन की चाल इतनी शातिर निकली कि किसी की एक न चली। मौका परस्त हाथ मलते रह गये।

देखा जाये तो इस मामले में आरोपियों को कोई राहत नहीं मिली। पुलिस ने दोंनो पक्षों से 18 आरोपियों के खिलाफ अनेक गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा। 66 लोगों को 107/16 के तहत पाबंद किया। मौके पर एक प्लाटून पी.ए.सी. लगा दिया जो आज तक तैनात है। यानि इतना सबकुछ हो गया किन्तु अपने अपने चहेते वर्गों के लिये ज्यादतियों की आड़ में किसी की सियासती जुबान नहीं खुल पायी।

इसके पीछे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि अब प्रशासन के हाथ उतने बंधे हुये नहीं है। जितने पूर्व की सरकारों के दौरान बंधे थे। इसके पीछे दूसरा कारण वर्ष 2004 में दुर्गापूजा के दौरान साम्प्रदायिक आग में जली भदोही और विगत वर्ष मोहर्रम के दौरान हुये बवाल का कटु अनुभव भी था। जो नगर के संभ्रान्त लोगों साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने से रोका। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के कतिपय हिंसाप्रिय तत्वों को सामाजिक संकोच में ला दिया। वे खुलकर कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं रह गये। उनके कारिन्दे सिर्फ मौके से पीएसी हटाने की मांग उठाकर मामले को हवा देने का असफल प्रयास किये।

इस बीच प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर संपर्क में बना रहा। उनके साथ बैठकर दोनों पक्षों को एकजुट करने एक दूसरे पक्ष द्वारा सार्वजनिक रूप से अपनी अपनी गल्तियां मनवाने और आपस में गले मिलाकर वाह्य रूप से आंतरिक शान्ति स्थापित हो जाने का संदेश देने में कामयाब हो गया। इन सबसे परे प्रशासन की बड़ी कामयाबी यह रही कि वह दोनों पक्षों से गिरफ्तार 18 आरोपियों पर कोई नरमी नहीं बरता। इसके लिये बैठक में ही दोनों पक्षों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को हामी भी भरा लिया।

हालांकि मौकापरस्त सियांसत दां अभी भी किसी मौके के तलाश में हैं जो उन्हें साम्प्रदायिक उन्माद भड़का कर सियासत करने का मौका दें किन्तु प्रशासन उनकी चालों को समझते हुये सूझबूझ से काम लेने में लगा है।

जानिये क्या था मामला

बता दें कि ईद के दिन भदोही जनपद के नई बाजार के फत्तूपुर अमरौना मोहल्ले में कुछ मुस्लिम युवक दलित युवतियों पर छींटाकशी किये। जिसका युवतियों ने विरोध किया। बात मोहल्ले के दलित युवकों तक पहुंची। तत्पश्चात दोनों तरफ से कहासुनी हो गयी। जो मारपीट तक बदलती हुई पथराव में तब्दील हो गयी। इसकी जानकारी मिलते ही सजग जिला प्रशासन एक प्लाटून पी.ए.सी. सहित कई थानों की पुलिस और आलाअधिकारियों सहित मौके पर डट गया। आरोप है कि एक बारगी तो तैश से भरे युवा पुलिस टीम पर भी पथराव किया किन्तु वरदी के गरम तेवर जब अपने रंग दिखाने के उतावले हुये तो उपद्रव उतारू युवाओं को जोश ठंडा पड़ गया। इस मामले में घटना के दिन ही दलित पक्ष से 5 और मुस्लिम पक्ष के 13 लोगों के खिलाफ कई गंभीर घाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेजा गया। मामला तूल न पकड़े इसलिये दोनों पक्षों से 5 दर्जन से अधिक लोगों को 107/16 में पाबंद किया गया।

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