“महान” सपने देखने वालों के “महान” सपने जरुर पूरे होते हैं।
जौनपुर : सचमुच इतिहास तो उसी ने बनाया है जिसने महान सपने देखे है। ऐसे ही शख्सियतों मे से एक है जौनपुर के युवा नेता राजकुमार ओझा एवं उनके सहयोगी रजनीश तिवारी जो कि वर्तमान समय में दक्षिण अफ्रीका मे रहकर नौकरी करते है। पुर्वांचल की जनता के दर्द को अपना दर्द समझते हुये इन्होंने ने अपने नेतृत्व में अलग राज्य के गठन का सपना देखा है और जी जान से इस गठन मोर्चे के प्रति समर्पित भी है। आये दिन इनके आंदोलन चलते रहतें है। इनका कहना है कि पूर्वी उत्तरप्रदेश की जनता (पुर्वांचल वासियों ) को अपने सीने मे अलग पुर्वांचल राज्य गठन की जो आग है उसे जलाए रखना चाहिए क्योंकि दशकों स़े यहाँ कि जनता राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक पिछडेपन का दंश झेल रही है परंतु कोई भी राजनेता इस पर ध्यान नही दे रहा है। अतः जनता को पार्टीपुजा, व्यक्तिपुजा, जातिपूजा को छोडकर मांग करना सीखना पडेगा और मांग के लिये संघर्ष, आन्दोलन, और त्याग के लिये खुद को तैयार रखना पडेगा क्योंकि मैदान म़े बाजी जीतता वही है जो घर से निकल गया, जीतता वही है जो सड़क पर उतर गया, कौन कहता है कि अपनी संतती को डांक्टर, इंजीनियर मत बनाइये, कौन कहता है कि शारीरीक, भौतिक, आध्यात्मिक, सुखों का परित्याग कर दिजीये, बस ध्यान रहे की इसी समाज की जिम्मेदारी यह भी है कि इस प्रदेश और देश के लिये एक कुशल, ईमानदार, राजनेता देने का।
आज के समय मे ज्यादा लोग कहते हैं कि राजनीति भ्रष्ट हो गई है, तो मै कहता हूं कि यह जनता की जिम्मेदारी है कि इस भ्रष्ट राजनीति को समाप्त करे और यह कार्य जनता ही कर सकती है तभी अब्राहम लिंकन द्वारा लोकतंत्र के लिए कही गयी उक्ति ” जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए ” कही गयी उक्ति चरितार्थ हो पायेगी। इस समाज के लोगों मे यह भी भावना पैदा होना चाहिये कि उन्हें भी बच्चों को राजनेता बनाना है क्योंकि यही योग्य और सुशिक्षित युवा वर्ग समाज की इस गन्दी राजनीति को समाप्त करेगा। किसी भी पार्टीपुजा, व्यक्तिपुजा मे इतना मत खो जाइये कि कोई व्यक्ति आपका भला करेगा ऐसा पुर्वाग्रह बन जाय। अब आप लोगों को स्वयं सिद्ध राजनेता देने का समय आ गया है। आप उस समय बडी़ भूल कर रहे होगें जब आप अपने को इस राजनीतिक पचडे़ से दूर रखने का प्रयास कर रहे होगें, तो बन्धुओं हमे (पुर्वांचल राज्य अलग गठन) की मांग को इतने प्रभावी ढंग से रखने की जरूरत है कि इन भ्रष्टाचारियों की नींद हराम हो जाये।
पिछले रविवार दिनाकं 16 दिसम्बर को सम्पन्न हुई विशाल जनसभा मे आये हुये आप सभी कार्यकर्ता बन्धुओं, मेरे अग्रज तथा अनुज साथियों तथा मेरी मातृ एवं बहन तुल्य नारी शक्तियों आप सभी का अंतर्मन से धन्यवाद देता हूं कि आप सभी ने अमूल्य समय देकर इस जनसभा को सफल बनाया था। साथियों इस जनसभा मे आये हुये आप सभी ने एक ऐसा विश्वास पैदा कर दिया है कि अब आपके और हमारे रिश्ते को कोई प्रभावित नहीं कर सकता, बल्कि आपका अपार स्नेह, प्यार, आशीर्वाद, मेरे लिये सुखद एहसास था। आप सबके प्यार से इस सम्पन्न जनसभा कार्यक्रम से लेकर अब तक मन बेहद प्रसन्न है , संघर्ष, कठिन चयन, मानक, सब स्विकार है लेकिन अन्याय न स्विकार था, न है, और न रहेगा।