Home भदोही जब रिश्ते ​हो जायें दागदार तो किस पर करें भरोसा

जब रिश्ते ​हो जायें दागदार तो किस पर करें भरोसा

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जिन्दगी में तमाम रिश्ते होते हैं किन्तु एक रिश्ता ऐसा होता है जो सिर्फ प्यार, विश्वास और भरोसे पर टिका होता है। जी हां! दोस्त एक शब्द ऐसा की जिसे सुनकर ही अपनेपन का एहसास होता है। दोस्त अगर अच्छा है दोस्ती से बढ़कर कोई नहीं, अगर नहीं तो उससे बढ़कर दुश्मन भी कोई नहीं। एक दोस्त जिससे हम हर अच्छी या बुरी बातें शेयर करते है, जो हमारी हर बात को जानता है। हमारी हर कमज़ोरी, हर अच्छाई, हर बुराई से वाकिफ होता है दोस्त। आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम पहेलियां क्यों बुझा रहे हैं तो आईये हम बताते हैं कि भदोही में हुई इस घटना ने कैसे दोस्ती के रिश्ते को तार—तार कर दिया।

भदोही का वहीं दुर्गागंज थाना जहां एक डांसर पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर सनसनीखेज हत्या को अंजाम दिया। उसी थाना क्षेत्र में 8 जून की शाम अचानक 25 वर्ष का आकाश पटेल गायब हो जाता है। परिजन खोजते—खोजते बेहाल होकर गुमशुदगी दर्ज कराते हैं। आकाश जो कि दो बच्चियों का पिता था और तीन भाइयों में सबसे बड़ा भी। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह अनिल बिन्द को एक लड़की को छेड़ने से रोका था। आकाश ने वहीं किया था जो हर एक शरीफ और जिम्मेदार नागरिक को करना चाहिये।

लेकिन, आकाश का जिम्मेदार नागरिक बनना ही उसके मौत का कारण बना, उसकी मासूम बेटियां सिर्फ इसलिये अनाथ हो गयी क्योंकि वह अपना मानवीय फर्ज निभा रहा था। यह एक अपराध था। पुलिस की निगाह में अपराध सिर्फ अपराध होता है। क्राइम ब्रान्च की टीम का काम था कि इस घटना का खुलाशा करे। क्राइम ब्रान्च भी अंधेरे में ही तफ्सीस शुरू की थी। क्योंकि बिना किसी शव के मिले ऐसे मामलों का खुलाशा करना बहुत ही टेढ़ी खीर होता है। बहुत कम ऐसा होता है कि बिना शव मिले जांच प्रक्रिया को रास्ता मिले।

लेकिन रास्ता मिला और घटना का खुलाशा भी हुआ लेकिन खुलाशे के बाद जब हकीकत पता चला तो दोस्ती का रिश्ता तार—तार होता दिखा। क्योंकि इस कत्ल में यदि मृतक के के दोस्त ने कातिल का साथ न दिया होता तो आज आकाश की मासूम बेटियां अनाथ नहीं होती। आकाश के दोस्त पवन पटेल ने उसे बुलाया और उसके सिर पर डंडे से वार करके घयल कर दिया, फिर गला दबाकर हत्या कर दी।
पवन पटेल आकश का भी दोस्त था और हत्यारे अनिल का भी, लेकिन अपने अच्छे दोस्त का साथ न देकर बुरे का साथ दिया और एक बुरे आदमी का साथ देने के लिये वह पुणे से आया जहां वह नौकरी करता था। आकाश के सिर पर पहला वार करने वाला उसका दोस्त पवन ही था। क्राइम ब्रान्च की पूछताछ में पवन ने कहा कि आकाश भइया उसे बहुत मानते थे। जब से उनकी हत्या हुई है उसे नींद भी नहीं आती थी, लेकिन अब क्या हो सकता है।

ऐसे मामलों को हल करने के बाद पुलिस का दिल भी लरज जाता है। भदोही क्राइम ब्रान्च के तेजतर्रार सिपाही सचिन झा ने अपने फेसबुक वाल पर अपना दर्द बयां किया है। मसला यहीं हल नहीं हो जाता कि आकाश की हत्या हुई और उसके कातिलों को जेल भेजा गया। हो सकता है कि कल उन्हें सजा भी हो जाये किन्तु कुछ चीज़ें ऐसी भी हैं जो मन को व्यथित कर देती हैं। आखिर उन दो मासूम बच्चियों का क्या होगा जो ठीक से अपना नाम भी नहीं ले पाती होंगी। उनका भविष्य क्या होगा। क्या आकाश ने सचमुच इतनी बड़ी गलती कर दी थी कि उसकी हत्या कर दी जाये।

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