कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे द्वारा 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बात प्रदेश सरकार हरकत मे आ गयी! विकास दूबे के साथ कई बदमाशों पर कार्रवाई हुयी, उनकी संपत्ति को जब्त किया गया! उसी क्रम में र्जौनपुर में 13 बदमाशों के करोड़ों की संपत्ति को कुर्क करने का निर्णय लिया गया है जो स्वागतयोग्य है!
इनमें ज्यादातर बदमाश पशु तस्करी, अवैध शराब के कारोबार और जालसाजी में लिप्त रहे हैं। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने उनकी संपति कुर्क करते हुए संबंधित तहसील के तहसीलदार को उसका प्रशासक नियुक्त किया है। आदेश के तहत शाहगंज थाना क्षेत्र के अरंद गांव निवासी सुहेल और गुड्डू उर्फ लंगड़ पशु तस्करी में लिप्त रहे हैं। इसके माध्यम से ही उन्होंने आजमगढ़ के दीदारगंज में एक करोड़ की कीमत का मकान और जमीन खरीदी है। खेतासराय के रुधौली निवासी सेवालाल बिंद और धर्मेंद्र बिंद ने जालसाजी व अवैध शराब के कारोबार से क्रमश: 30 हजार व 50 हजार की संपत्ति अर्जित की है। इनकी संपत्ति जब्त करते हुए तहसीलदार शाहगंज को प्रशासक नियुक्त किया है। बक्शा के चितौड़ी निवासी विशाल कुमार गौतम की एक टीवी, नेवढ़िया के गुफरान की बाइक व तौफिक के बैंक खाते में 961 रुपये, मुंगराबादशाहपुर के अनिल पटेल की 25 लाख कीमत की ट्रैक्टर व जमीन, केराकत के शुभम सिंह का 4 लाख कीमत का मकान व 65 हजार की बाइक, बरसठी के राजापुर निवासी दिनेश यादव की 29.80 लाख का मकान, भूपेंद्र तिवारी की 20 हजार रुपये की बाइक, गौराबादशाहपुर के कबीरुद्दीनपुर निवासी वीरेंद्र यादव की 40 लाख की चल-अचल संपत्ति, मछलीशहर के इशरार खान की बाइक जब्त कर तहसीलदार को प्रशासक बनाया गया है। सभी बदमाशों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया गया है। बता दें कि इसके पूर्व मुख्तार के करीबी रवींद्र निषाद, पूर्व सांसद उमाकांत के पुत्र दिनेशकांत यादव समेत 12 लोगों की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है! देर से ही सही प्रशासन की आंखे खुली तो सही, परंतु क्या जिले मे इतने ही अपराधी है जिन्होंने गलत रास्ते से संपत्ति अर्जित की है? नही बिलकुल भी नही! सुची में 65000 तक की बाईक कुर्क करने का आदेश है जबकि प्रदेश की तो बात ही छोडिये पूरे प्रदेश में सफेदपोश माफियाओं ने अरबों की संपत्ति अर्जित की है और शायद इन लोगो की वजह से ही बदमाश फूले फले है! इन पर भी कार्यवाही कर इनकी संपत्ति जब्त होनी चाहिए तभी और केवल तभी जनता का संविधान मे, सरकार पर, पुलिस प्रशासन पर आस्था बन पायेगी वरन् इस कार्वाही को मात्र खानापूर्ति माना जायेगा!