Home भदोही आखिर क्यों अधिकारियों के चहेते बने राजेश परदेशी

आखिर क्यों अधिकारियों के चहेते बने राजेश परदेशी

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भदोही। उत्तरप्रदेश के सबसे छोटे जनपद भदोही की खूबसूरत कालीनें विश्व में अपनी कलाकारी का जलवा सदियों से बिखेरती रही हैं। यह जिला भले ही क्षेत्रफल में छोटा हो किन्तु यहां के युवा अपने कला से जिले का नाम उंचा कर दिये हैं कि जो भी भदोही की ओर देखता है उसे अपनी निगाहें उठानी ही पड़ती हैं। खेल, कला, संस्कृति, लेखन, अभिनय आदि क्षेत्रों में भदोही की माटी के सपूतों ने विश्व स्तर पर भदोही का नाम रोशन किया है।

पूर्व जिलाधिकारी विशाख जी के साथ राजेश परदेशी

ऐसा ही एक युवा गोपीगंज के नजदीक ग्राम सभा गहरपुर की पगडंडियों से गायकी की शुरुआत कर अपने गायन शैली के दम पर पूर्वांचल के गायकों में अपना स्थान बनाया और देश के विभिन्न शहरों व महानगरों में अपनी गायकी का लोहा मनवा चुका है। हम बात कर रहे हैं पूर्वांचल के मशहूर भोजपुरी गायक राजेश परदेशी की। जिन्होंने ‘‘ए बाबू शहर वाला ई वाला ले’’ ‘‘ए भौजी मधुबाला ई वाला ले’’ गीत से अपने कैरियर की शुरुआत की थी। पहला ही गाना हिंदुस्तान के युवाओं के सर चढ़कर बोलने लगा और बच्चे बच्चे जुबान पर ‘‘ई वाला ले अच्छा पडे’’ डायलाग आ गया था। उसके बाद परदेशी ने एक से बढ़कर एक भोजपुरी गाने गाकर पूरे हिंदुस्तान में भदोही का परचम लहरा दिया। भोजपुरी में बढ़ती अश्लीलता से चिंतित होकर परदेशी ने समाजहित के मुद्दों को लेकर गाना बनाना शुरू किया।

पूर्व जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद के साथ राजेश परदेशी

सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का प्रचार प्रसार व जागरूकता अपने गीतों के माध्यम से करके राजेश परदेशी अधिकारियों के चहेते बन गये। अभी हाल में ही पत्रकार अनुज गुप्ता साजन के लिखे गीत ‘‘तेज रफ्तार ना चलायें मोटर-कार देखिये याद रहे हो’’ गाकर यातायात जागरूकता का संदेश दिया। इस गाने में पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह व सीओ भदोही प्रयांक जैन आदि ने भी अभिनय किया। गाने के अंत में एस.पी. भदोही रामबदन सिंह ने जनहित में लगभग 1 मिनट का संदेश भी दिया है। जिसमें उन्होंने राजेश परदेशी की तारीफ करते हुए लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए आह्वाहन किया है। जो लोगो को खूब भा रहा है।

तहसीलदार देवेन्द्र कुमार के साथ राजेश परदेशी

भदोही के पूर्व में जिलाधिकारी रहे व वर्तमान में विशेष सचिव मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश विशाख जी की प्रेरणा व सहयोग से स्वच्छ भारत अभियान को लेकर परदेशी ने ‘‘स्वच्छ भारत बनावे बदे शौचालय जरूरी बा’’ गाया। फिर क्या जिला प्रशासन के सरकारी मंचों पर भी गाने का आमंत्रण मिलने लगा। विशाख जी के स्थानान्तरण के बाद जिले का कमान संभालने वाले पूर्व जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने तो परदेशी को लेकर जल संचयन पर ‘जल है तो कल है’ गीत की शूटिंग अपने आवास पर ही कराई तथा खुद भी भूमिका निभाई । उसके बाद ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ गीत गाकर परदेशी ने कन्या सुमंगला योजना का खूब प्रचार प्रसार किया। वहीं पर्यावरण प्रेमी सदर तहसीलदार ज्ञानपुर देवेंद्र कुमार ने पौधरोपण को लेकर अपने तहसील परिसर ज्ञानपुर में एक गाने की शूटिंग कराई। जिसके बोल हैं ‘‘पेड़ धरा का गहना है, पेड़ लगाते रहना है।’’ जिसमें ‘‘एक नई पहल एक नई कोशिश’’ की पूरी टीम ने भी काम किया। एक तरफ अधिकतर भोजपुरी गायक चर्चित होने के लिये अश्लील गीत गाकर समाज को दूषित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ राजेश परदेशी समाज को संदेश देने वाले गीतों से लोगों में चर्चा का विषय बने हुये हैं। यह उन नये गायकों के लिये एक संदेश भी है कि सिर्फ लोगों को मनोरंजन देने के लिये भोजपुरी में अश्लीलता फेलाना ही चर्चित होने का माध्यम नहीं है बल्कि समाज को जोड़ने व जागरूक करने वाले संदेश भरे गीतों से भी चर्चित हुआ जा सकता है।

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