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आखिर क्यों बनाया गया कालीन भवन को राजनीति का अखाड़ा

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एकमा हाल में भाजयुमो की बैठक से पनप रहा आक्रोश

भदोही। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल रणनीति के तहत बैठकों का दौर चालू कर दिये हैं। सभी पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करने के लिये कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं किन्तु गुरूवार को कालीन भवन में हुई भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक से दूसरे राजनीतिक दलों व कालीन निर्यातकों में आक्रोश भी पैदा हो गया है। लोगों का मानना है कि कालीन भवन को राजनीतिक अखाड़ा बनाना सर्वथा अनुचित है।
बता दें कि बीते गुरूवार को भाजपा के प्रयोजित कार्यक्रम अमृत महोत्सव के तहत भारतीय कालीन निर्यात परिषद के सभागार यानी कालीन भवन में भाजयुमो की बैठक बुलायी गयी। इस बैठक में सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। साथ ही कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुये आगामी चुनाव में भाजपा को जिताने का संकल्प भी लिया गया। बैठक सामान्य रूप से होती ही रहती है किन्तु यह बैठक कालीन भवन में हुई इसलिये विवाद का कारण बन गयी।
गौरतलब हो कि एकमा कालीन निर्माताओं व निर्यातकों का संगठन है जो कालीन क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने व कालीन निर्यातकों को एकजुट करने के लिये बना है। इस संगठन में सभी धर्म व वर्ग के लोग शामिल हैं। हालांकि कालीन निर्यातक खुलकर कुछ बोलने से हिचक रहे हैं किन्तु अंदर ही अंदर इस बैठक को लेकर आक्रोश भी व्याप्त है।
दरअसल समस्या बैठक को लेकर नहीं है बल्कि समस्या यह है कि कल सपा बसपा कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियां यदि इस हाल को राजनीतिक कार्यक्रम के लिये उपयोग करने की कोशिस की तो विवाद पैदा हो जायेगा। भाजयुमो की इस बैठक के बाद निर्यातकों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गयी हैं। लोगों का कहना है कि भाजपा सत्ता में है इसलिये उसके संगठन को बैठक करने से लोग नहीं पाये किन्तु जिसने भी बैठक करने की इजाजत दी है। उसे एक बार सोचना चाहिये था कि कालीन भवन यदि राजनीति का अड्डा बन गया तो आने वाले दिनों कालीन क्षेत्र के विकास की जगह विनाश की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।

abdul rub ansari

कालीन भवन में भाजयुमों की बैठक होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह संस्था कालीन उद्योग के विकास के लिये बनायी गयी है। लिहाजा इसको राजनीति का अखाड़ा बनाना कहीं से भी उचित नहीं है। आज सत्ता होने के कारण भाजयुमों की बैठक हुई। सब इसलिये चुप हैं ​क्योंकि भाजपा की सत्ता है, लेकिन अंदर अंदर सभी के मन में एक डर व्याप्त है। यदि कल दूसरे दलों के लोग भी कालीन भवन में बैठक करने लगेंगे तो एकमा के मूल उद्देश्य का क्या होगा। यदि कालीन उद्यमियों की संस्था राजनीतिक विवाद में आयी तो इसका असर लाखों कालीन मजदूरों बुनकरों पर पड़ेगा।
हाजी अब्दुल रब अंसारी
कालीन निर्माता व निर्यातक
भदोही

विकास यादव, निवर्तमान जिलाध्यक्ष, समाजवादी पार्टी

यदि कालीन भवन को राजनीतिक कार्यक्रमों के लिये किराये पर दिया जा रहा है तो अच्छी बात है। वैसे भी भदोही में राजनीतिक कार्यक्रमों के लिये कोई सार्वजनिक जगह नहीं है। हो सकता है कि एकमा के अध्यक्ष व सचिव ने मंदी के दौर से आजिज आकर कालीन भवन को किराये पर देना शुरू कर दिया हो, मुझे भी इसका अंदाजा अभी तक नहीं था। मेरी नजर में कालीन भवन सिर्फ कालीन निर्माताओं, बुनकरो व मजदूरों की समस्या पर चर्चा करने के लिये था। यदि एकमा ने इसे किराये पर देना शुरू किया है तो अच्छी बात है। लेकिन सत्ता के खौफ में आकर सिर्फ भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों को कालीन भवन राजनीतिक कार्यक्रम के लिये देना दुर्भाग्यपूर्ण है जो आने वाले दिनों में विवाद का कारण बन सकता है।

विकास यादव
निवर्तमान जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी
भदोही

शैलेन्द्र शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार भदोही

भदोही जिले का एकमात्र व्यवसाय कालीन उद्योग है। यह व्यवसाय लाखों लोगों को राजी रोटी मुहैया कराता है। मैं पिछले कई वर्षों से देख रहा हूं जिले में चाहे कितनी भी उठक पटक हुई लेकिन विभिन्न धर्म व समुदाय से जुड़े कालीन निर्माताओं ने आपसी एकजुटता बनाते हुये जिले के विकास और भविष्य के बारे में सोचा। यदि शासन और प्रशासन से संबंधित कोई आयोजन हो तो अलग बात है किन्तु कालीन भवन को राजनीति से दूर रखने में ​ही जिले की भलाई है। आने वाले दिनों में दूसरी पार्टियां भी अपने कार्यक्रम के लिये जगह मागेगी और न देने पर जिले में एक नया विवाद खड़ा हो जायेगा। जो दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

शैलेन्द्र शुक्ला
वरिष्ठ पत्रकार भदोही

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