Home वाराणसी आखिर क्यो ये शिक्षक धरने के लिए मजबूर हुये? 

आखिर क्यो ये शिक्षक धरने के लिए मजबूर हुये? 

माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डा०आर०पी०सिंह के नेतृत्व में आज दिनांक 28 जनवरी 2020 को एक दिवसीय धरना/प्रदर्शन के पश्चात प्रधानमंत्री कार्यालय वाराणसी को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें समान कार्य के लिए समान वेतन न मिले तब तक सम्मानजनक मानदेय कोषागार से दिया जाए। पेंशन योजना/ स्वास्थ्य वीमा योजना/ आदि समस्याओं को मजबूती से रखा गया। शिक्षक खण्ड वाराणसी के आठों जनपद के प्रबंधक/ प्रधानाचार्य/ शिक्षक एवं शिक्षिका बहनों ने जोरदार ढंग से अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज किया।

जनपद-भदोही से मंडल प्रभारी विन्ध्याचल, डी०एन०यादव, जौनपुर से कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष छोटेलाल यादव, जिलाध्यक्ष श्रद्धेय गुप्त, सत्यप्रकाश मिश्र, रोहित दुबे, देवानंद पटेल, आदि तमाम शिक्षक ने वाराणसी में अपनी भागीदारी दर्ज किया। विदित हो कि 1986 से ही इंटरमीडिएट कालेज की मान्यता की धारा 7क (क) मे परिवर्तित कर वित्त विहीन व्यवस्था लागू कर दी गयी। जिसका खामियाजा आज भी शिक्षक भुगत रहा है। सन 2004 से ही वित्त विहीन शिक्षक संगठन अस्तित्व में आया। तब से ही शिक्षकों द्वारा लगातर धरना प्रदर्शन हो रहा है, सरकार द्वारा आश्वासन भी मिलता है परंतु बाद मे चलकर मामला ठंडे बस्ते मे डाल दिया जाता है। समान कार्य के लिए समान वेतन न देकर सरकार लोकतंत्र का सीधे सीधे हनन कर रही है।शिक्षक बेचारे रोजी पाकर भी रोटीज्ञके लिए मोहताज है।

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