भदोही । बीते माह 12 जनवरी को ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के लखनो गांव में हुए स्कूल वैन हादसे के बाद सबसे बड़ी लापरवाही खुलकर जिस विभाग के बारे में सामने आ रही है। वह शिक्षा व परिवहन विभाग है। इसके बावजूद भी इन दोनो विभागो के जिम्मेदारों पर कार्रवाई न होने से अब शासन को भेजे गये रिपोर्ट पर भी सवाल उठने लगे हैं।
बताते चले कि बीते माह 12 जनवरी को लखनो गांव में एक स्कूली वैन आग का गोला बन गई थी। जिसमें दर्जनो बच्चे झुलस गये थे तथा तीन बच्चो की मौत हो गई थी। यह दिल दहला देने वाला हादसा आज भी लोगो के रौंगटे खड़े कर दे रहा हैं। यह स्कूली वैन ऐसे विद्यालय की थी जो शिक्षा विभाग की लापरवाही व खाऊ-कमाऊ नीति के चलते कोचिंग सेंटर के आड़ में संचालित होने वाले एससी पब्लिक स्कूल नामक विद्यालय के बच्चों को ढोने का काम करती थी। स्कूली वैन परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते काफी समय से रसोई गैस सिलेंडर से चल रही थी।
सूत्र बताते हैं कि रसोई गैस से चलने वाली इस स्कूली वैन में लिकेज था। अलाव की आग से स्कूली वैन आग का गोला बन गई। इस हादसे में जहां दर्जनो स्कूली बच्चे झुलस गये थे। वहीं तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इस बड़े हादसे के बाद प्रदेश की राजधानी में बैठे सत्ता दल के नेता तक हिल गये थे। तथा आनन-फानन में इस पूरे मामले की जांच का निर्देश देते हुए लापरवाह लोगो पर कार्रवाई करने की भी बात कही थी। तथा ऐसे स्कूल व वाहनो की सघन जांच अभियान चलाकर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था। अपनी गर्दन बचाने को लेकर शिक्षा व परिवहन विभाग सड़क पर उतरा तो इन दोनो विभागो की लापरवाही परत दर परत सामने आने लगी।
बड़ी संख्या में जहां अमान्य विद्यालय संचालित होते पाये गए। वहीं सारे मानक को ताक पर रखकर बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले स्कूली वाहनों के खिलाफ भी परिवहन विभाग को मजबूरन में कार्रवाई करनी पड़ी। क्योंकि शिक्षा विभाग की शह पर जहां फर्जी विद्यालय मनमानी ढंग से संचालित हो रहे थे। वहीं परिवहन विभाग की लापरवाही व खाऊ-कमाऊ नीति के चलते बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।
विश्वस्त सूत्रों की माने तो जिले में जहां अब भी अमान्य विद्यालय संचालित हो रहे हैं वहीं ऐसे स्कूली वाहनो की कमी नही है जो अब भी बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। स्कूली वैन हादसे के बाद लोगो में यह उम्मीद जगी थी कि इन दोनो विभागो के जिम्मेदारों पर कार्रवाई अवश्य होगी। लेकिन हादसे के इतने दिनो बाद भी शिक्षा व परिवहन विभाग के जिम्मेदारो पर कार्रवाई नही हो पायी। जिससे अब लोग शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट पर भी सवाल खड़ा करने लगे हैं।