भदोही। भारत एक ऐसा सभ्यता व संस्कृति का देश है जहां पर माता-पिता को देवतुल्य माना जाता है। जहां पर माता-पिता के एक वचन पर भगवान राम ने चौदह वर्ष तक वनवास में रहकर तपस्वी का जीवन बिताया, श्रवण कुमार ने माता-पिता को कांवड पर बैठाकर तीर्थ यात्रा कराई वहीं पर आज के कुछ कलयुगी बेटों के कारगुजारियों से भारत की इस पवित्र परम्परा पर दाग लग रहा है।
एक ऐसा ही वाकया भदोही के मर्यादपट्टी में देखने को मिल रहा है। जहां एक विवश वृद्ध दर-दर की ठोकरे खाने पर विवश है लेकिन पत्थर दिल बेटों को अपने पिता की परवाह नही है। मामला मर्यादपट्टी निवासी पंचमराम गुप्ता(67) का है जिनके दो बेटे मनोज गुप्ता और महेन्द्र गुप्ता है। पंचमराम को तीन बेटियां भी है तीनों की शादी कर चुके है। छोटी बेटी की शादी 2013 में की।
पंचमराम का कहना है कि हमारे दोनो बेटे व बहू मुझे मारते-पीटते है और भाग जाने की बात कहते है। और चेतावनी देते है कि तुम्हें मार डालेंगे जो लाख दो लाख लगेगा समझ लेगे। पंचमराम होटल में खाना खाते है और एक मंदिर में सोते है। कहा कि मैने प्रशासन के लोगों से न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई न हुई।
मीडिया के माध्यम से शासन व प्रशासन से अपने न्याय की गुहार लगा रहे है पंचमराम। पंचमराम के बयान का वीडियो वायरल हो गया है। जिसमें पंचमराम ने अपनी दुख भरी कहानी कही है। जब पंचमराम ने प्रशासन से अपने लिए न्याय की गुहार लगाई तो प्रशासन ने पंचमराम के बात पर ध्यान क्यों नही दिया? क्या पंचमराम के बेटे पंचमराम को कुछ और तो घोषित नही कर दिये है? वैसे समाज में वृद्धों के साथ हो रहे अन्याय के प्रति हम सभी को संवेदनशील होना चाहिए। जिससे समाज में वृद्धो का सम्मान बना रहे।