अतिथियों ने नवोदित रचनाकारों से अपेक्षा की कि और भी सुन्दर लेखनी चलायें। साहित्य के गढ़ उत्तर प्रदेश के नवाबी शहर लखनऊ स्थित प्रेस क्लब में प्रधान सम्पादक सी.एस. ‘कृष्णा’ रचित ‘अलकनंदा’ एवं डॉ.जे.एल.पी.राजू रचित ‘निरीह शब्दों का छूटता सिरा’ काव्य संग्रह का विमोचन बड़ी ही भव्यता और गरिमा के साथ २ अगस्त को किया गया। मुख्य अतिथि राजेन्द्रनाथ त्रिपाठी एवं वरिष्ठ साहित्यकार एखलाख गाजीपुरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में इसका विमोचन करके रचनाकारों की बहुत हौंसलाअफजाई की।
क्लब में यह शानदार समारोह सुबह अपने तय समय पर शुरू हुआ। प्रारम्भ में मुख्य अतिथि श्री त्रिपाठी (पूर्व प्रबंध निदेशक -भारतीय जीवन बीमा निगम) एवं विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ साहित्यकार तथा रेलवे अधिकारी एखलाख गाजीपुरी,आलोक सिंह ‘बेताब’ (वरिष्ठ साहित्यकार एवं रेलवे अधिकारी) तथा प्रेमचंद करमपुरी (वरिष्ठ साहित्यकार) ने माँ शारदे के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम को शुरू किया। इस अवसर पर लखनऊ में कार्यरत रेडियो जॉकी और रचनाकार सुश्री सारिका त्रिपाठी (सह-सम्पादक) ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर सभी का मन मोहा,साथ ही रोचक अंदाज में संचालन भी किया।
पुस्तक ‘अलकनन्दा’ के सम्पादक सी.एस. ‘कृष्णा’ ने संचालन करते हुए पुस्तक की पूर्ण जानकारी सभी को दी,साथ ही अतिथियों का मल्यार्पण और अंगवस्त्र भेंट कर अभिवादन एवं सम्मान भी किया। सम्पादक ने उपस्थित प्रबुद्धजनों को बताया कि,पुस्तक में विविध प्रान्तों के वरिष्ठ और नवांकुर ४८ रचनाकारों की ग़ज़ल सहित कविता,गीत और अन्य विधाओं में कृतियों को सहेजा गया है,जिसमें सम्पादन एवं प्रचार में पूर्ण सहयोग लोकप्रिय पोर्टल हिंदीभाषा डॉट कॉम (www.hindibhashaa.com) और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ का रहा है। अतिथिगणों ने ‘अलकनंदा’ पुस्तक में सम्मिलित रचनाकारों की रचनाओं की सराहना की और आशीर्वचन भी दिए। आपने नवोदित रचनाकारों से अपेक्षा की कि वे और भी अच्छा लिखें।
इस मौके पर सभी रचनाकारों को सम्मान- पत्र भी भेंट किए गए। पुस्तक के प्रकाशक वरुण मिश्रा ने बुक रिवर प्रकाशन की ओर से सबका अभिवादन एवं आभार व्यक्त किया। शानदार काव्य प्रस्तुति के पश्चात सम्पादक ने बताया कि, अतिथियों द्वारा पुस्तकों के विमोचन के बाद प्रेस क्लब में कवि सम्मेलन भी रखा गया। काव्य पाठ की इस श्रंखला में नंदलाल मणि त्रिपाठी ‘पीतांबर’, रेनू सिंघल,सुषमा श्रीवास्तव, ऋषि कुमार शर्मा, राम अवतार पाल एवं रेखा बोरा ने अपनी रचनाओं से प्रफुल्लित किया, वहीं नवांकुर तरुलिका सिंह, श्रेय गौड़, आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, हर्षिता पाण्डेय, दीपक शर्मा एवं गिरीश कुमार सोनवाल आदि ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं के मानस पर छाप छोड़ी।