Home भदोही जनसहभागिता के माध्यम से गौवंशों को आश्रय स्थल तक पहुंचाने में हर...

जनसहभागिता के माध्यम से गौवंशों को आश्रय स्थल तक पहुंचाने में हर संभव मदद की जाए-जिलाधिकारी

हमार पूर्वांचल
भदोही न्यूज़

भदोही। आम जनता की काफी शिकायतों के बाद आखिर शासन ने सभी गौवंशों को गौशाला में पहुंचाने का आदेश दे ही दिया और इसी क्रम में शुक्रवार को जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार समस्त ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों यथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका आदि में अस्थाई गौवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन की कार्यवाही अतिशीघ्र पूर्ण की जाए। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा संबंधित विभागों एवं ग्राम प्रधानों तथा जनसहभागिता के माध्यम से गौवंशों को आश्रय स्थल तक पहुंचाने में हर संभव मदद की जाए, इसके साथ ही आवारा पशुओं को भी आश्रय स्थल तक अवश्य पहुंचाया जाए। यह कार्यवाही समस्त संबंधितों द्वारा 10 जनवरी 2019 से पहले ही हर हाल में पूर्ण कर ली जाए। और कहा कि ग्राम पंचायत पिपरीस में गोवंश आश्रम स्थल के 50 लाख की धनराशि स्वीकृती हो गयी हैं शीघ्र कार्य मानक गुणवत्ता के अनुरूप बनाने का निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिया।

जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने कलक्ट्रेट सभागार में गौवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन की कार्यवाही संबंधी बैठक में मौजूद संबंधित विभागीय अधिकारियों आदि को निर्देशित किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर पालिका, नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों, डीपीआरओ द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में लाउडस्पीकर, डुग्गी आदि पिटवाकर जन-जागरूकता के माध्यम से गौवंश, आवारों पशुओं को हर हाल में आश्रय स्थलों तक पहुंचाने में मदद की जाए। सभी एसडीएम अपने कानूनगो, लेखपालों की मदद से चरागाह की सूची संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों, पशुपालन विभाग को उपलब्ध करा दें, जिससे कि समय रहते समस्त कार्यवाही पूर्ण की जा सके। एडीओ पंचायत, डीपीआरओ, डिप्टी सीवीओ, एसडीएम अपने क्षेत्र के प्रधानो के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्र में इस कार्यवाही को अंजाम दें, जो भी अड़चनें आऐं उनका आपसी तालमेल कायम रखते हुए निस्तारण किया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में क्रियाशील होने वाले संरक्षण केन्द्रों की सूचना संबंधित थाना पुलिस को भी दी जाए। पशुपालन विभाग द्वारा आश्रय केन्द्र पर पशुओं के पीने के पानी, सेड, स्वास्थ्य संबंधी अन्य इंतजाम करने की व्यवस्था की जाए। आश्रय केन्द्र पर कितने पशु है, इसकी गणना अवश्य की जाए, क्षेत्रीय पैरावेट के माध्यम से पशुओं की देखभाल भी की जाए। प्रथम दृष्टया उपलब्ध संसाधनों को क्रियाशील करने में कोई कसर नहीं होनी चाहिए। पंचायत घर, स्कूल में आवारा पशु, गौवंश बंधा दिखना नहीं चाहिए। अस्थाई गौवंश आश्रय स्थलों की स्थापना, संचालन, क्रियान्वयन, प्रबंधन, अनुश्रवणार्थ विकासखण्ड स्तर, तहसील स्तर, जनपद स्तर पर समिति गठित करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हरिशंकर सिंह, अपर जिलाधिकारी रामसिंह वर्मा, समस्त एस0डी0एम0, जिला विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी, एआर कॉपरेटिव, डीसी मनरेगा, समस्त अधिशासी अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply