मुंबई। मध्य रेल के अंतर्गत आनेवाले हार्बर लाईन के रूट का वह पुल जिसे माटुंगा लेबर कैम्प के नाम से जाना जाता है, जिस पुल के उपर से भाया वडाला होकर पश्चिम रेल्वे के अंतर्गत आने जानेवाले यात्रीगण प्रवास करते है।उस पुल के उपर से गुजरनेवाले यात्रियो के बजाय नीचे से आवागमन करनेवाले राहगीरो एवं वाहनचालको आदि को कभी भी बङे हादसे की गिरफ्त में आना पङ सकता है।कारण कि पुल के उपरी हिस्सो की दोनो पटरीयों के बीच का भाग काफी जंग लगने से जर्जर हो चुका है।
बता दें कि पत्रकार ने जब पुल की दशा देख उक्त पुल के नीचे से जब उस धोखादायक मंजर की तस्वीर खींच रहा था तभी उस रास्ते से गुजरनेवाले राहगीर सरकार या संबंधित विभागीय अधिकारीगणो को जमकर कोस रहे थे तथा बङबङ कर रहे थे। बतातें चलें कि नवयुवक राहगीर राॅकी का कहना था कि हादसा रेल या पटरी से होने के वनिस्पत जंग खाए हुए उन लोहे के चादरपट्टियों के कभी भी नीचे गिर सकनेवाले उन टुकङो से हो सकता है जो राह चलनेवाले लोगो के सिर या शरीर पर घाव देने के लिए काफी है।
इस विषय पर उक्त पुल के दक्षिणी छोर पर बेच रहे चना, नमकीन या भेल आदि के दूकानदार से जब पत्रकार ने बात की तो उस दुकानदार ने भी बताया कि पदयात्रीयो के साथ-साथ नीचे से गुजरनेवाले वाहन आदि पर भी वह जर्जरभाग कभी भी गिर सकता है जिसपर अविलम्ब ध्यान देकर उसकी मरम्मत करने की जरूरत है।