Home अवर्गीकृत गांधीवादी विचारधारा के कट्टर अनुयायी एवं समाजसेवक विजय बाबू नही रहे,

गांधीवादी विचारधारा के कट्टर अनुयायी एवं समाजसेवक विजय बाबू नही रहे,

हजारो की तादाद में पहुँचे उनके दर्शनार्थी

छपरा। जिले के जलालपुर प्रखंड के उत्तरी छोर से नगरा बाजार की ओर जानेवाली सङक के बायें तरफ स्थापित तकरीबन चार दशक से भी अधिक प्राचीन वह गांधी सेवा आश्रम का विद्यालय जो अभीतक हजारो बच्चो का भविष्य सवांर चुका है उसी गांधी सेवा आश्रम के संस्थापक, महान विचारक, गांधीवादी चिंतक, सर्वोदय आंदोलनकारी, सुप्रसिद्ध समाजसेवक सहित जे पी आंदोलन के भी अग्रगण्य सेनानी आदरणीय श्री विजय बाबू का वयोवृद्ध अवस्था में 12 अक्टूबर के रात स्वर्गगमन हो गया। बता दें कि ऐसे विलक्षण प्रतिभा के धनी श्री सिंह जी के निधन की खबर सुनते ही 13 अक्टूबर को सुबह से ही उनके पार्थिव शरीर के दर्शनार्थियों का ताताँ लगा रहा एवं दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार सरयू नदी के तट स्थित रिविलगंज के बगल गोदना सेमरिया घाट पर कर पंचतत्व में विलीन कर दिया गया।

बतातें चलें कि इसी आश्रम में तकरीबन पच्चीस तीस साल पहले अपनी शिक्षण सेवाऐं देते हुए शिक्षक श्री राम कुमार सिंह, श्री दिलीप सिंह आदि सहित दर्जनो शिक्षकगणो ने अपने सभी पुत्रो को भी प्रारंभिक शिक्षाँए प्रदान किए जो वर्तमान में कोई प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कोई इंजीनियर, तथा कोई नौसेना अधिकारी आदि पद पर भी अपनी देश एवं राजकीय सेवाऐं आदि दे रहे है जिन सभी काबिज बच्चो को भी विजय बाबू का आर्शिवाद प्राप्त है।

ज्ञातव्य हो कि 13 अक्टूबर को सुबह तकरीबन 10 बजे के बाद निकली विजय बाबू की अंतिम यात्रा में जलालपुर बाजार के नागरिकजनो के अलावा नूरनगर,विशुनपूरा, माधोपुर, धूपनगर, मिश्रवलिया, चतरा, पतिला, घोघवलिया कोठेयाँ, जी एस बंगरा आदि के अलावा अन्य गांवो के भी काफी उनके प्रशंसकगण शामिल हुए। जिस खबर को सुनते ही जलालपुर बाजार के एक और प्रसिद्ध समाजसेवी श्री कन्हैया प्रसाद सिंह ‘तूफानी ‘ने विडीयो के माध्यम से उन्हे अपनी संवेदनाँए प्रकट किए तथा पूरे क्षेत्र के नवयुवको को उनके आदर्शो पर चलने हेतु प्ररित भी किए।

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