ठाणे: संगीत साहित्य मंच की मासिक काव्य गोष्ठी दिनांक 13 अक्टूबर 2018 शनिवार सांय श्री मुन्ना बिष्ट जी के कार्यालय, सिड्को ठाणे में संमपन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता एडवोकेट श्री अनिल शर्मा जी ने की एवं विशेष अतिथि के रूप में श्री त्रिलोचन सिंह अरोरा मंच पर विराजमान होकर “शारदीय नवरात्रि की एक शाम” की शोभा बढायी। गोष्ठी का संचालन श्री नागेंद्र नाथ गुप्ता जी ने बहुत ही शायराना अन्दाज से निभाया। श्री राधाकृष्ण मोलासी के सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम काव्यसंध्या प्रारंभ हुई जो क्रमशः निम्नवत है।
श्रीमती आभा दवे-
जीवन में मिल ही जाता है,
हर किसी को किसी का सहारा।
जगमगाने लगती है तब जिंदगी,
आखों में नये सपने लिए ।।
श्री विनय शर्मा “दीप ” –
फूलों की बहार और रंगों की फुहार बन,
सुहागन श्रृंगार बन आजा शेरावाली मां ।
खुशियाँ अपार भर दुखः का भंडार हर,
रिश्तों में प्यार भरने आजा शेरावाली मां ।
समाज संस्कार घर-द्वार आशीर्वाद बन,
रसोई प्रसाद बन छाजा शेरावाली मां ।
रोजी-रोजगार गृह लक्ष्मी रूप आजा माते,
दीप के प्रकाश में समाजा शेरावाली मां ।।
श्री पवन तिवारी-
जय माँ दुर्गे जय जगदम्बे,
कष्ट निदान करो हे अंबे।
अष्टभुजी जग जननी माता,
तुम्हरी भक्ति भजन हूँ गाता ।।
एडवोकेट अनिल शर्मा-
हर वक्त मुतमईन है तू रेख्ता ।
श्री ओमप्रकाश सिंह-
छलकती प्रेम में आँखे जलन,
होती नहीं सायद,चले आओ ।
पुकारूँ आज मैं फिर से,
मेरे बचपन छलक जातें हैं ।।
श्री जगतगुरू स्वामी विदेह महराज-
तूफानों से मुझको बचाया करता है,
कौन दुआ को हाँथ उठाया करता है ।
अंधियारों का घटना-बढ़ना अपनी जगह,
जुगनू अपना फर्ज निभाया करता है ।।
इस तरह काफी संख्या में कवि कवियत्री एवं श्रोता उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुखतः श्रीमती शिल्पा सोनटक्के, श्रीमती आभा दवे, सर्वश्री विदेह जी महराज, वफ़ा सुल्तानपुरी, भुवनेंद्र सिंह जी बिष्ट, एन०बी० सिंह नादान, पवन तिवारी, ओम प्रकाश सिंह, अल्हड असरदार, उमेश मिश्रा, बिधुभूषण त्रिवेदी, कल्पेश यादव, कुलदीप सिंह, रसिक शाह, त्रिलोचन सिहं अरोरा, अड० अनिल शर्मा, राधाकृष्ण मोलासी, अनीस कुरैशी, उमाकांत वर्मा, ओम प्रकाश सिंह, विनय शर्मा दीप, कुलदीप सिंह, दिलीप गुप्ता, सोनू सिंह एवं नागेंद्र नाथ गुप्ता एवं आर०यस० सिंह ने अपनी कविताओं का पाठ किया।
जनहित इंडिया पत्रिका के मुंबई प्रतिनिधि श्री मुन्ना यादव मयंक (पत्रकार) भी उपस्थित रहें। अंत में श्री राधाकृष्ण मोलासी जी ने सभी कविजनों, पत्रकार बंधु एवं श्रोताओं का आभार और धन्यवाद् प्रकट कर गोष्ठी का समापन किया।