भदोही। सरकार हमेशा से ही पुलिस की छवि सुधारने के लिए प्रयासरत रहती है। लेकिन कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के वजह से पुरा पुलिस कौम बदनामी का दंश झेलता है। जिसमें अच्छे व ईमानदार पुलिसकर्मी भी शक की नजर से देखे जाते है। एक ऐसा ही मामला डालर नगरी भदोही के औराई कोतवाली का मामला प्रकाश में आया है। जहां पर एक दरोगा के वजह से भदोही जिले के पुलिस को फिर शर्मसार होना पड रहा है।
मामला औराई थाना के तिउरी गांव का है। जहां पर राकेश सिंह के घर में एक व्यक्ति जबरदस्ती घुसने का प्रयास किया। राकेश के रोकने के बावजूद वह न माना तो राकेश ने उसे रोकने के लिए पुलिस बुला ली। पुलिस दोनो को लेकर थाने गई। मेडिकल हुआ, प्राथमिकी भी दर्ज की गई। लेकिन मामले को निपटाने के लिए औराई थाने में तैनात एसएसआई आनन्द प्रकाश सिंह ने ली और एक होटल में बैठकर डील प्रारम्भ की। और मामला को रफा-दफा करने के लिए दरोगा साहब ने पचीस हजार की शर्त रखी और न देने पर विवेचना में दफा और धारा लगाने की धमकी भी दे दी। लेकिन राकेश सिंह से दरोगा ने तत्काल पांच हजार ले लिया बाकी रकम बाद में लेने पर सहमति बनी।
रूपये देते समय राकेश ने दरोगा के कुकर्मो का वीडियो बना लिया। और एक आवेदन के साथ पुलिस अधीक्षक से मिले और वीडियो दिखाए। मामले का संज्ञान में लेकर पुलिस अधीक्षक ने दरोगा को निलम्बित करने तथा मामले की जांच करने का आदेश दिया। पुलिस अधीक्षक के इस कदम से राकेश सिंह काफी खुश हुए और उन्होने पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद दिया।
अब यहां सवाल बनता है कि केवल आनन्द प्रकाश सिंह जैसे लोग केवल अपने लिए ही इतना खतरा मोल लेते है या इसके पीछे और कोई होता है जो अपने मातहतों को मोहरा बनाकर अपना काम निपटाता है। हालांकि इस मामले के जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि सच्चाई क्या है? लेकिन इस घटना से तो पुलिस के प्रति लोगों के मन में एक धूमिल छवि फिर बन गई है।