Home भदोही गर्मी के मौसम में पशुओं को भी नहीं मिल रहा पानी

गर्मी के मौसम में पशुओं को भी नहीं मिल रहा पानी

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पशु -पक्षी को पानी रखने की प्रथा विलुप्त

जंगीगंज(भदोही): भीषण गर्मी में बेजुबान पशु पक्षियों के लिए घर से बाहर वह छतों पर मिट्टी के बर्तनों एवं पशुओं के लिए नाद में पानी भरकर छोड़ना गुजरे जमाने की बात हो गई अब जंगली जानवरों वह मवेशियों वह पक्षियों की प्यास बुझाने वाला कोई नजर नहीं आ रहा अब तो भागमभाग जिंदगी में किसे फुर्सत है कि बेजुबानों की प्यास बुझाई इस तपस भरी गर्मी में घर के बाहर छत पर वह बगीचे में अब पशु पक्षी के लिए पानी रखने का प्रथा विलुप्त हो गया है।

जानवरों के प्रति खत्म हो रहा है मानव का लगाव गंभीर चिंता का विषय है आइये बात करते है कुछ वर्ष पूर्व की जब नवरात्र खत्म होते ही ग्रामीण मिट्टी के बर्तनो में पेड़ो के नीचे , घर के बाहर और छत पर पानी भरकर रख देते थे । इसी तरह बारी बगीचो में भी लोग पशुओं के नाद में लबालब पानी भर देते थे ताकि आवारा जानवर एवम घडरोज उस पानी से प्यास बुझाते थे लेकिन अब ये प्रथा खत्म होते नज़र आ रही है ग्रामीण अंचलों में पशुधन वाले ग्रामीणों को अपने पशुओं की चिंता सता रही है।

ऐसे गर्मी के मौसम में पशुओं को पानी पिलाना सबसे बड़ी समस्या बन गया है। ग्रामीणों द्वारा बहुत जतन करने के बाद पशुओं को पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा भी इस संबंध में कोई खास पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे लगातार पशुधन प्यास से काल का ग्रास बन रहा है।

पानी न मिलने पर हो रही है असमय मौत

पीने का पानी नहीं मिलने से पशुओं की असमय ही मौतें हो रही है। इन दिनों भदोही जिले में बिन पानी सब सून कहावत चरितार्थ हो रही है। ग्रामीण अपने स्तर पर पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करते हैं लेकिन जिन गांवों में आदमी के लिए ही पीने को पानी नहीं हो वहां पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था कहां से होगी। भदोही में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से आमजन बेहाल है। लगातार बढ़ रहे पारे ने जनजीवन को झकझोर कर रख दिया है। ऐसी स्थिति में मूक पशुओं की स्थिति भी बहुत खराब हो गई है।

एक तरफ जहां आमजन को भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ बेजुबान जानवर भी प्यासे मर रहे है। जिले में ऐसी भयावह स्थिति भी उत्पन्न हो गई है जहां पीने का पानी नहीं मिलने के कारण पशुओं की मौत का कारण बन सकती है अत्यधिक प्यास के कारण पशु काल का ग्रास बन रहे हैं। जिला पशु बाहुल्य क्षेत्र है। यहां लाखों की संख्या में पशुधन है। लेकिन पानी के अभाव में पशुधन को भटकना पड़ रहा है। उसके उपरांत भी पीने का पानी नहीं मिल रहा

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