सदाशिव चतुर्वेदी “मधुर”
सब मिल अबकी बार दिवाली, आओ एक संकल्प करें।।
ज्ञानदीप,प्रज्वलित करें,
अज्ञान तिमिर को दूर करें।
स्वार्थभाव को त्याग के मन से,
परहित हम निःस्वार्थ करें।।
भेदभाव को त्याग, सभी से
विनम्रता और प्रेम करें।।आओ एक संकल्प करें।।।
अपना जीवन अपना है पर
ऋण इसपर है अपनों का।
आशीर्वाद रहे छोटों पर,
हरदम बड़े बुजुर्गों का।
त्यागें तम अभिमान स्वयं का,
छोटे बनकर मान करें।।आओ एक संकल्प करें।।।
खूब मिठाई बाटें पर,
मन में भी मधुर मिठास रहे।रिस्ते नाते खूब निभें,
परदर्द का भी एहसास रहे।
कुछ भी बोलें उससे पहले,
मन मे खूब विचार करें।।
पढ़ें लिखें काबिल बन जाएं,खूब कमाएं धन दौलत ।
जिसने जन्म दिया जो पाला, पूर्ण करें उनके सपने।
कभी न कष्ट उन्हें हम देंगे,
मन मे दृढ़ संकल्प करें।।
आओ एक संकल्प करें।।।
मां विणा वादिनी के प्यारे दुलारे सपूतों,आप सभी साहित्यकारों,कवियों एवं संगीत प्रेमियों को मेरी तरफ से पावन पर्व दीपावली की ढेरों सारी हार्दिक शुभकामनाएं तथा शुभेच्छाएं।।
सदाशिव चतुर्वेदी “मधुर”