मुम्बई। (9 मार्च 2021) शक के आधार पर किसी को आरोपी बना देना सरल होता है किन्तु जिसके उपर आरोप लगता है वहीं समझ पाता है कि उसे समाज में किन दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। 20 साल तक निरपराध जेल काटकर आये विष्णु तिवारी से अधिक भला उस दर्द को कौन समझ सकता है।
ऐसा ही एक मामला 2007 में घटित हुआ था जब फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने एक पार्टी के दौरान अपनी चोरी हुई घड़ी का आरोप एक ऐसे शख्स पर लगा दिया जो फिल्म इंडस्ट्री में अपने पांव जमाने की कोशिस में लगा था। इस मुकदमें के बाद जिस व्यक्ति के उपर आरोप लगा उसे काफी मानसिक यंत्रणा झेलनी पड़ी, लेकिन उस शख्स ने हार नहीं मानी और न्याय पाने के लिये लगातार संघर्ष करता रहा। अंततः कोर्ट ने उसे बाइज्जत बरी किया और अभिनेत्री ने माफी भी मांगी।
बता दें कि जौनपुर व मुम्बई के चर्चित समाजसेवी अरविन्द उपाध्याय के उपर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने घड़ी चोरी का आरोप लगाया था। उस समय श्री उपाध्याय अभिनेत्री के पर्सनल असिस्टेंट थे और उनके दिनभर के शेड्यूल को तय करते थे। बताते हैं कि एक पार्टी के दौरान प्रियंका की कीमती घड़ी गायब हो गयी। उस समय अभिनेत्री के सबसे नजदीकी श्री उपाध्याय ही थे। उन्होंने हवाला दिया कि पिछले 5 सालों से वे अभिनेत्री के साथ रहे लेकिन कोई शिकायत नहीं मिली। फिर वह चोरी कैसे कर सकते थे। लेकिन प्रियंका चोपड़ा के करीबियों ने इतना कान भर दिया कि उन्होंने अरविन्द उपाध्याय के उपर मुकदमा दर्ज करा दिया। कहावत है कि प्यार और चोरी कभी छुपाया नहीं जा सकता है। खुद को निरपराध साबित करने की कोशिस में लगे श्री उपाध्याय को राहत तब मिली जब एक साजिशकर्ता के पास वहीं घड़ी बरामद हो गयाी। उसके बाद अभिनेत्री ने फोन करके श्री उपाध्याय से माफी मांगी और मुकदमा खत्म करने के लिये न्यायालय में शपथ पत्र दिया। तत्पश्चात न्यायालय ने अरविन्द उपाध्याय को बाइज्जत बरी कर दिया।
मणियाहूं विधानसभा क्षेत्र में जनसेवक के रूप में प्रसिद्ध श्री उपाध्याय मुम्बई में एक अच्छे समाजसेवी के रूप में पहचाने जाते हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रियंका चोपड़ा के साथ 5 वर्षों तक पर्सनल असिस्टेंट के रूप में कार्य करके अपनी अलग पहचान बनायी। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें हर जगह सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। इंडस्ट्री में गहरी पैठ बन चुकी थी और वे कई फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में कार्य भी किया था। उस दौरान वे इंडस्ट्री में फिल्म निर्माता के रूप में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे थे। बताया जिस तरह हर व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा होती है। उसी तरह फिल्म इंडस्ट्री में भी है किन्तु प्रतिस्पर्धा सकारात्मक होनी चाहिये। कहा प्रियंका चोपड़ा से उनका भाई-बहन जैसा बहुत करीबी रिश्ता था। उनकी हर सलाह को वे तरजीह देती थी। साथ ही फिल्म इंडस्ट्री में लगातार बढ़ रही उनकी हैसियत कई लोगों को रास नहीं आ रही थी जिसके कारण उन्हें झूठे मुकदमें में फंसाने की कोशिस की गयी थी। बताया कि लोगों ने जिस तरह साजिश रचकर उन्हें बदनाम करने की कोशिस की वे उससे घबराये नहीं बल्कि न्याय पाने तक लड़ाई लड़ी। कहा काफी लोगों ने दुष्प्रचार कर उनके मनोबल को तोड़ने की कोशिस की लेकिन अपनी मेहनत के बल पर वे हमेशा आगे बढ़ते रहे। श्री उपाध्याय ने कहा कि लोगों की सेवा करना, मदद करना उनका स्वभाव है। उनके उपर कितने भी आरोप लगे लेकिन वे झूठे आरोपों से घबराते नहीं है। बल्कि सभी का डटकर सामना करते हैं। जब श्री उपाध्याय से सवाल किया गया कि क्या वे अभिनेत्री के उपर झूठा मुकदमा कराने के लिये मानहानि का दावा करेंगे। तो बताया कि जो हुआ गलतफहमी में हुआ। अब किसी विवाद को खड़ा करना उचित नहीं होगा।