Home खास खबर सचिन्द्र पटेल के जाते ही बिगड़ने लगी भदोही की कानून व्यवस्था ?

सचिन्द्र पटेल के जाते ही बिगड़ने लगी भदोही की कानून व्यवस्था ?

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मुख्यमंत्री योगी को पीली पर्ची के बारे में जानकारी देते तत्कालीन एसपी
सरकारी नौकरी में तबादला होना एक आम प्रक्रिया है, किन्तु कुछ अधिकारी माहौल के अनुरूप परिस्थियों को संभालने में सक्षम होते है। ऐसा ही भदोही में देखा जा रहा है जब पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र पटेल के जाते ही भदोही की कानून व्यवस्था फिर से बिगड़ना शुरू हो गयी है। जनता के हित में जो परम्परायें शुरू हुई थी उन परंपराओं के प्रति अब पुलिस गंभीर दिखायी नहीं दे रही है।

गौरतलब हो कि नये पुलिस अधीक्षक राजेश एस. के कार्यभार ग्रहण करते ही पुलिस विभाग में कई तबादले हुये। उन लोगों को भी थाना संभालने की जिम्मेदारी दी गयी जो एक साल से वेटिंग में चल रहे थे। सूत्रों की मानें तो एसपी को हिन्दी की कम जानकारी होना भी उनके लिये समस्या बन रही है। अब तो उन पुलिस अधिकारियों की भी पौ बारह हो गयी है जिनकी कोई चाल सचिन्द्र पटेल के रहते सफल नहीं हो पा रही थी। ऐसे अधिकारियों की मनमानी के कारण ही एक बार फिर जिले की कानून व्यवस्था बिगड़ती दिखायी दे रही है।

नहीं हुआ लाखों की लूट का खुलासा

यदि भदोही कोतवाली की ही बात करें तो कई घटनाओं का खुलाशा नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व कोतवाल मनोज पाण्डेय को घटनाओं का खुलाशा न कर पाने के कारण ही भदोही से हटाकर वेटिंग में चल रहे नवीन तिवारी को चार्ज दे दिया गया। श्री तिवारी को चार्ज इसीलिये दिया गया था कि वे घटनाओं का खुलाशा करेंगे। अति संवेदनशील भदोही कोतवाली में 17 लाख, 10 लाख, 4 लाख और डेढ़ लाख के लूट की घटना घटित हुई थी। इसके साथ ही कोतवाली अंतर्गत जमुनीपुर में एक रिवाल्वर चोरी की गयी थी। पिछले तीन माह के अंदर घटी इन घटनाओं का खुलाशा करने के लिये नवीन पाण्डेय को तैनाती दी गयी किन्तु अभी तक नकोई सफलता नहीं मिली है।

पीली पर्ची की परम्परा भी हो रही समाप्त

एसपी सचिन्द्र पटेल के कार्यकाल में पीली पर्ची काटने का प्रचलन बड़ी तेजी से बढ़ा था। जब कोई भी फरियादी आता था तो उसकी शिकायत पर तुरन्त पीली पर्ची काटकर दे दिया जाता था और शिकायत की जांच शुरू हो जाती थी। शिकायत उपयुक्त पाये जाने पर त्वरित मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाती थी। अब कुछ थानों में देखा जा रहा है कि फरियादी की तहरीर लेकर बिना पीली पर्ची काटे उसे टरका दिया जा रहा है। जबकि उसी पीली पर्ची की तारीफ उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था जब वे भदोही आये थे। चर्चाओं की मानें तो जिले में अभी कुछ और थानेदारों को इधर उधर किया जा सकता है। हो सकता है कि कुछ थानेदार पैदल कर दिये जायें। सोचने वाली बात है कि क्या जनपद का कोई पुलिस अधिकारी विभाग पर अपना ही अधिपत्य जमाने की कोशिस में जिले की पुलिस का मान घटाने पर लगा हुआ है। वैसे सूत्रों का कहना है कि जिले का पुलिस विभाग इस समय राजनीति के खेल में फंसा हुआ है, जिसमें कई लोग मोहरे बन सकते हैं।

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