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ज्योतिष : ब्राह्मणों के बारे में लापरवाही बरतना पुलिस के लिये पड़ सकता है महंगा

पिछले कई महीनों से भदोही पुलिस के उपर कई परेशानियां आयी। गोपीगंज कोतवाली में हुई मौत के बाद तत्कालीन कोतवाल सुनील वर्मा का लाइन हाजिर होना। आन्दोलन के दौरान भदोही पुलिस का छीछालेदर होना। तत्कालीन एसपी सचिन्द्र पटेल का तबादला। उंज एसओ राजेश पाण्डेय का निलंबन। ऐसे कई मामले हुये जिसमें पुलिस को आरोप सहना पड़ा। मामला यह भी है कि पुलिस की बदनामी जिन मामलों हुई उसमें अधिकतर मामले ब्राह्मणों से जुड़े थे। हाल की दो घटनाओं पर नजर डालें तो गोपीगंज का मामला जहां एक ब्राह्मण से जुड़ा था जिसमें भदोही पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। उंज के तत्कालीन एसओ को भी एक ब्राह्मण से जुड़ा मामला निलंबन का कारण बना।

आखिर भदोही पुलिस को इतना सबकुछ क्यों सहना पड़ा। इस मामले में जानकारी दे रहे हैं। ‘हमार पूर्वाचल’ के ज्योतिष सलाहकार डा. कुन्दन ज्योतिषी —

भदोही जिले की स्थापना/घोषणा 30 जून 1994 शाम 4 बजे के लगभग हुई थी। जिससे भदोही जिले की जन्मराशि मीन हुई। मीन राशि की भदोही जिले की कुण्डली में बुध, गुरू व शनि ग्रह वक्री हैं। लग्नेश मंगल सप्तम में बैठकर लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। जिले का जन्म लग्न वृश्चिक है।
यदि ग्रहगोचर की दृष्टि से चन्द्रकुण्डली का अध्ययन किया जाय तो राशिस्वामी गुरू दशमेश होकर अष्टम भाव में राहु के साथ वक्री होकर स्थित है शत्रु राशि में। वर्तमान में लगभग 1 वर्ष से यानी सितम्बर 2017 से गुरू बृहस्पति गोचरवश अष्टम भाव में अपने जन्मकालीन गुरू राहु से भ्रमण कर रहे हैं। जो 11 अक्टूबर 2018 तक रहेंगे। अत: यह अवधि पुलिस प्रशासन के लिये परेशानियां बढ़ायेगी क्योंकि दशम भाव पुलिस प्रशासन का होता है।

साथ ही शनि ग्रह भी गोचरवश दशमभाव पर 26 अक्टूबर 2017 से आ गये हैं। जो लगभग ढाई वर्षों तक एक राशि पर रहते हैं। अत: लगभग एक वर्ष बीत रहा है। तथा डेढ़ वर्ष और शनि देव दशमभाव में शत्रुभाव से रहकर दशमभाव को पीड़ित करेंगे। अक्टूबर बाद गुरू का स्थान परिवर्तन कुछ राहत दिलायेगा। फिर भी फरवरी 2019 तक राहु की दृष्टि में रहने से पीड़ित रहेगा। फरवरी के बाद गुरू का अच्छा फल मिलना प्रारम्भ होगा। इसके बावजूद शनि थोड़ा बहुत डेढ़ वर्ष तक परेशान करेंगे। गुरू व शनि का उपाय या शान्ति करने से राहत मिलेगी। गुरू ब्राह्मण वर्ग का भी प्रतिनिधित्व करता है। अत: इन वर्गो को खुश रखने या साथ मिलकर चलने से भी राहत मिलेगी। वैसे भी 18 अप्रैल 2018 से वक्री शनि के 6 सितम्बर से मार्गी हो जाने से इधर थोड़ी राहत मिलेगी।

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