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पर्यावरण सुरक्षा के लिये निकाली जागरूकता रैली

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चन्द्रबालक राय की रिपोर्ट

पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रही पॉलीथिन मॉडर्न पब्लिक इंटरमीडिएट कालेज पिपरी में आयोजित हुआ पॉलिथीन का विरोध कर पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प छात्रों ने इस अवसर पर छात्रों ने शपथ लेते हुए खुद और आस पड़ोस के लोगों को जागरुक करने की बात कही ना वह पॉलीथिन का प्रयोग करेंगे और ना ही लोगों को करने देंगे इसके लिए जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम करेंगे और लोगों को इससे हो रही है घातक परिणामों के बारे में भी बताएंगे

इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद यादव लल्ला ने कहा कपड़ा, जूट व कागज के बैग हैं बेहतर विकल्प सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद पॉलीथिन के उपयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। तमाम स्वरूपों में मिलने वाली पॉलीथिन पर्यावरण के लिए भारी चोट पहुंचा रही है। यदि इस पर समय रहते रोक नहीं लग पाई तो इसके पर्यावरण को भयानक परिणाम झेलने पड़ेंगे। सरकार को इसके विकल्पों को बढ़ावा देना चाहिए।

पॉलीथिन के प्रयोग से सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे है
इससे लोगों मं कैंसर का भी खतरा बढ़ा रहा है। स्थिति यह है कि पॉलीथिन के उपयोग के कारण लोगों पर जीवन भर रोगों का संकट मंडराता रहता है। यही नहीं, यह गर्भस्थ शिशु के विकास को भी रोक सकती है। नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा शक्ति को खत्म कर रही है। यदि इसे दस तक भी जमीन में दबाए रखा जाए यह तब भी नहीं गलती है। पालीथिन देश में गिरते भूजल स्तर की एक बड़ी वजह साबित हो रही है।

ग्लोबल वार्मिंग का कारण

यदि हम पॉलीथिन को जलाते हैं तो इससे निकले वाला धुआं ओजोन परत को नुकसान पहुंचाता जो ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा कारण है। प्लास्टिक के ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार पालीथिन का कचरा जलाने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड एवं डाईआक्सींस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती हैं। इनसे सांस, त्वचा आदि की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। पॉलीथिन सीवर जाम का सबसे बड़ा कारण है। इससे गंदे पानी का बहाव बाधित होता है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है।

क्या है समस्या का विकल्प

पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हमें कपड़ा, जूट, कैनवास, नायलान और कागज के बैग का इस्तेमाल सबसे अच्छा विकल्प है। सरकार को पॉलीथिन के विकल्प पेश कर रहे उद्योगों को प्रोत्साहन देना चाहिए। साथ इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जनता में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। इसके लिए लोगों को भी अपनी आदत में बदलाव लाना चाहिए। जब भी घर से बाजार के लिए निकलें कपड़ा या जूट का बैग साथ लेकर जाएं। यानी पॉलीथिन का विकल्प ही समाधान है।

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