मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के नगर निगम सहकारी बैंक के एक कैशियर को कथित तौर पर 51 खाताधारकों के फर्जी हस्ताक्षर कर गलत तरीके से 28 लाख रुपये निकालने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह मामला उस वक्त सामने आया, जब बैंक ने आंतरिक ऑडिट कराया। जानकारी के अनुसार, नालासोपारा निवासी अंकुश राहते (43) पिछले तीन सालों से यह काम कर रहा था। अंकुश राहते खाता धारकों के फर्जी हस्ताक्षर कर लगातार उनके पैसे का गबन कर रहा था। एक बैंक अधिकारी को जब कुछ लेन-देन में संदिग्ध लगा तब बैंक ने आंतरिक ऑडिट कराया, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया। ऑडिट में राहते द्वारा 51 खाताधारकों के फर्जी हस्ताक्षर कर गलत तरीके से 28 लाख रुपये निकाले जाने की बात सामने आई। इसके बाद राहते के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए पुलिस उन्हें हिरासत में ले लिया।
सहकारी बैंके के सहायक मैनेजर राजेंद्र जाधव ने पाया कि बिरबाला शाह नाम की एक महिला खाताधारक लगातार पैसों की निकासी कर रही है। राजेंद्र ने पाया कि महिला हर दूसरे दिन 20 हजार रुपये अपने खाते से निकाल रही है। इसके बाद जाधव ने तुरंत महिला से संपर्क कर उनसे जानकारी ली कि वह वास्तव में ऐसा कर रही थीं। पिछले एक महीने के बार में जानकारी देते हुए शाह ने उनसे कहा कि उन्होंने तब से एक भी पैसा नहीं निकाला है। इस मामले की जांच करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इस बात ने जाधव के संदेह को मजबूत किया।