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1857 की क्रान्ति से पहले ही भदोही में फूंक दिया गया था आजादी का बिगुल: डा. कामिनी वर्मा

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शहीद झूरी सिंह की जयंती पर पर वक्ताओं ने रखे विचार
पौधरोपण कर दिया गया हरित क्रान्ति का संदेश

भदोही। देश की आजादी के लिये इतिहास में पहली क्रान्ति 1857 में बतायी जाती है किन्तु उससे पहले ही भदोही में क्रान्ति की शुरूआत हो गयी थी। हालांकि इस क्रान्ति को जोरदार आगाज 1857 में शहीद झूरी सिंह ने किया था। उनके पराक्रम से अंगेज भदोही को छोड़ कर भाग गये थे और मीरजापुर की पहाड़ियों में जाकर शरण लिये। शहीद झूरी सिंह की जयंती पर गुरूवार को परउपुर में आयोजित समारोह में उक्त विचार काशी नरेश राजकीय महाविद्यालय की प्रो. डा. कामिनी वर्मा ने रखा। उन्होंने कहा कि जिनकी वीरगाथा वे इतिहास में पढ़ती रही हैं आज उनके शहीद स्मारक पर आकर खुद को गौरवान्ति महसूस कर रही हैं।

श्रीमती वर्मा ने शहीद झूरी सिंह के संघर्षमय जीवन पर तथ्यपरक विचार रखते हुये कहा कि आजादी के इतिहास में शहीद झूरी का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है। जो लोगों के लिये प्रेरणाश्रोत है। वहीं बेलवरिया सम्राट जटाशंकर शुक्ला ने भी शहीद के बारे में अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मुम्बई के भाजपा अध्यक्ष उत्तरभारतीय मोर्चा अजय शुक्ला ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि जिस धरती पर आजादी की वीरगाथा लिखी गयी उसमें हमारा जन्म हुआ है। यह हमारे लिये गौरव की बात है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सनातन सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयकुमार सिंह ने कहा कि राजनीतिक दुष्चर्क में ऐसे लोगों को तरजीह दे दी जाती है। जिनका इतिहास से कोई लेना देना नहीं है। जबकि शहीद झूरी सिंह की वीरगाथा से इतिहास भरा पड़ा है। कहा उनकी जयंती को भव्य तरीके से मनाना चाहिये। हालांकि वक्ताओं ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि अमृत महोत्सव के तहत शहीद झूरी सिंह की जयंती मनाना चाहिये था। किन्तु आज शहीद भी राजनीतिक उपेक्षा के शिकार बन रहे हैं जो उचित नहीं है। मुख्य अतिथि का स्वागत पत्रकार हरीश सिंह ने पुष्प गुच्छ भेंटकर किया।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष श्यामसुंदर सिंह, विश्व हिंदू महासंघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा, ग्राम प्रधान दिनेश सिंह , विजय बहादुर सिंह , राहुल चतुर्वेदी , विनोद सिंह ,विनय त्रिपाठी भूतपूर्व सैनिक, अभिषेक सिंह, बाबू पाल ,विनोद कुमार दुबे,सूरज सिंह , अश्वनी कुमार पांडे आदि सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित होकर अपने चहेते शहीद ठाकुर झूरी सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किए।
अमर_शहीद ठाकुर झूरी सिंह की जन्म जयंती समारोह में किसी जन प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी के सम्मिलित ना होने की काफी चर्चा रही। कार्यक्रम का संचालन अमर शहीद ठाकुर झूरी सिंह के प्रपौत्र डॉ रामेश्वर सिंह ने किया। अतिथियों को शहीद का चित्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
वहीं कार्यक्रम में पौधरोपण कर हरति क्रान्ति का संदेश भी दिया गया। एक नहीं पहल एक नई कोशिस के संस्थापक कृष्णा यादव ने कहा कि शीघ्र ही स्मारक स्थल को पौधरोपण करके सजाया जायेगा।

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