NH 2 पे कोठरा में कथित ढाबे से संचालित होता है सेक्स का बड़ा रैकेट
300 से 5000 हज़ार तक मे मिल जाती है लड़कियां
औराई से आशीष सोनी की रिपोर्ट
महराजगंज, औराई। सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले सिंघम नाम से प्रचलित औराई कोतवाल के कोतवाली से महज डेढ़ किलोमीटर दूर प्रयागराज वाराणसी NH 2 पर स्थित कोठरा गांव के पास दक्षिण पटरी पर स्थित एक ढाबे पर सेक्स रैकेट काफी दिनों से सक्रिय है। लोगों में इस बात की चर्चा है कि यह रैकेट काफी दिनों से चल रहा है, लेकिेन प्रशासन इससे क्यों अनभिज्ञ है?
सूत्रों का कहना है कि यह सारा गोरखधंधा पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि खोये हुए बच्चों को ढूढ़ निकालने वाले सिंघम के नाक के नीचे इतने बड़े सेक्स रैकेट का चलना और वह भी लबे रोड पर फिर भी पुलिस को भनक क्यों नहीं है? बताया जाता है कि दिन से रात तक वहां मनचलों का जमावड़ा होता रहता है। ट्रक चालकों से लेकर बड़े रसूखदार तक के लिए वाराणसी, सोनभद्र, प्रयाग से लड़कियों का आना तथा प्रशासन का इस ओर से आंख मूंदना इस बात की तरफ साफ इशारा करता है कि कहीं न कहीं सब कोतवाली के मेहरबानी से चल रहा है।
यह भनक जब मीडिया को लगी तो मीडिया कर्मी ही अपने सहयोगी के साथ ग्राहक बन कर गए और बातचीत में चौकाने वाले तथ्य सामने आए। जिसमें लड़की के दलाल ने लड़कियों के रेट उनके उम्र, समय, जगह के हिसाब से बताया। वंही यह पूछने पर की कहीं प्रशासन के आ जाने के खतरे तो नहीं तो दलाल ने कहा बेखौफ रहे यंहा कोई नहीं आएगा। यदि अपने ठिकाने पर भी लड़की ले जाना चाहे तो जगह बता दे लड़की पहुंचा दी जाएगी।
जिस भरोसे के साथ दलाल ने प्रशासन से बेखौफ होकर अपनी बात कही उससे यहीं लगता है कि कहीं न कहीं प्रशासन की मिलीभगत से इंकार नही किया जा सकता। दलाल ने रेट बताते हुये कहा कि ट्रक चालकों के लिए महज तीन सौ से पांच सौ रुपये में, रईसों के लिए पन्द्रह सौ से पांच हजार रुपये में कमसिन लड़कियां आपको यंहा मिल जाएंगी।
जब मीडिया अपने सहयोगी के साथ इनके यंहा ग्राहक बन कर पहुंचे तो (सिमा) काल्पनिक नाम की लड़की ने बाकायदा उनसे बात की जगह और लड़की दिखाने के लिए एडवांस की मांग की, उनकी मांग को पूरा करते ही दलाल ने वो कमरा और लड़की को दिखाया जिस कमरे में यह घिनौना खेल होता है। यही नहीं बाकायदा सुरक्षित सम्बंध बनाने के लिए हर तरह के कंडोम से भरे थैले को भी दिखाया। लड़की न पसंद आए तो शाम चार बजे और लड़कियों के आने की बात कही।
सूत्रों की मानें तो सालों से यंहा ढाबे का नाम बदल, बदलकर यह कार्य चल रहा है। कभी तो खाकी वाले भी जेब गर्म करने के लिए इनके यंहा आते रहते हैं। जिसकी वजह से अगल- बगल के लोग भी इनके खिलाफ आवाज उठाने से डरते है। इतने दिनों से चल रहे इस घिनौने खेल के पीछे किसका हाथ है? किसके शह पर यह गैरकानूनी काम हो रहा है ? और जिस बात की चर्चा आस-पास के काफी लोग दबी जुबान से करते हैं वहां प्रशासन का आंखे मूंदे रहना कहीं न कहीं सवाल खड़े अवश्य करता है।
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