सनसनीखेज दोहरे मर्डर काण्ड में चार वर्षों से फरार चल रहे इनामिया अपराधी को अंततोगत्वा भदोही क्राइम ब्रान्च में अपने कब्जे में ले ही लिया। क्राइम ब्रान्च ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जो मामला उसके हाथ में आता है उसका निस्तारण होता ही है। हालांकि अपराधी देश में किसी कोने में रहे क्राइम ब्रान्च उसे ढ़ूढकर भदोही पुलिस के हवाले कर ही देती किन्तु कागजी कार्रवाई में उसे जनपद के ही किसी स्थान से गिरफ्तार दिखाया जाता है।
शुक्रवार को ज्ञानपुर में पत्रकारों से बात करते हुये अपर पुलिस अधीक्षक डा. संजय कुमार ने बताया कि सचिन्द्र पटेल पुलिस अधीक्षक जनपद भदोही द्वारा अपराध पर अंकुश लगाने व पुरस्कार घोषित अपराधियो की गिरफ्तारी हेतु क्राइम ब्रान्च (स्वाट टीम) को विशेष दिशा निर्देश दिये गये थे । जिसके क्रम मे दिनांक 14.06.2018 को स्वाट टीम के अथक प्रयास व मुखबीर की सूचना पर डा0 संजय कुमार ( अपर पुलिस अधीक्षक ) के कुशल निर्देशन में व क्षेत्राधिकारी ज्ञानपुर श्री वी0के0 सिंह के मार्गदर्शन मे आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त कर स्वाट टीम, गोपीगंज व दुर्गागंज पुलिस की संयुक्त टीम को गुरूवार की रात्रि को कोइलरा मोढ़ से चार वर्षो से फरार दोहरे मर्डर काण्ड के इनामिया अभियुक्त के गिरफ्तार करने मे अहम सफलता प्राप्त हुयी है ।
बता दें कि जुलाई 2014 में गोपीगंज थाना अन्तर्गत कोइलरा गांव मे हुये सनसनीखेज डबल मर्डर केस में बुजुर्ग दम्पत्ती शितला प्रसाद जायसवाल व उसकी पत्नि पार्वती देवी की ईंट पत्थर से सिर कूच कर उसकी दूकान में हत्या कर दिये जाने के सम्बन्ध में थाना गोपीगंज पर मुकदमा अपराध संख्या 164/14 धारा 302 भादवि पंजिकृत किया गया था। इस मामले में राहुल पुत्र झारी उर्फ खंझाटी निवासी ग्राम कुर्री रामसिंहपुर थाना मिर्जामुराद जनपद वाराणसी को आरोपी बनाया गया था जो काफी समय से पुलिस की नजरों से फरार चल रहा था, को गिरफ्तार कर लिया गया ।
अभियुक्त राहुल खंजाटी की तलाश पुलिस काफी समय से कर रही थी. किन्तु अभियुक्त पुलिस की नजरों से फरार रहा । फरारी के दौरान अभियुक्त के गिरफ्तार/हाजिर अदालत न होने पर अभियुक्त के विरुद्ध गोपीगंज थाने पर मुकदमा अपराध संख्या 119/15 धारा 174 A भादवि पंजीकृत कर माननीय न्यायालय द्वारा कुर्की का आदेश प्राप्त किया गया था । जिसके अनुपालन में पुलिस द्वारा अभियुक्त की वर्ष 2015 मे कुर्की की कार्यवाही की गयी । तथा मफरुरी में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित कर अभियुक्त की तलाश की जाती रही, परन्तु इसके बावजूद भी अभियुक्त के न मिलने पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा अभियुक्त राहुल की गिरफ्तारी हेतु 10000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था ।
जिसके क्रम मे स्वाट प्रभारी अजय सिंह को सूचना मिलने पर गठित टीम द्वारा उक्त महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की गयी । घटना के अन्य आरोपी जो घटना के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तरा किये गये थे वर्तमान समय मे जिला कारागार मे निरुद्ध है । गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ करने पर बताया कि उक्त घटना के पश्चात वह शिमला व मुम्बई में भाग कर रहता था ,व छोटा मोटा कार्य करके अपना जिविकोपार्जन करता था।
गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली टीम में क्राइम ब्रान्च के प्रभारी उप निरीक्षक अजय सिंह, कास्टेबल सचिन झाँ, कांस्टेबल इन्दु प्रकाश, कांस्टेबल सर्वेश राय, कांस्टेबल मेराज अली, कांस्टेबल अनिरुद्ध सिंह, कांस्टेबल अजय यादव, सुभाष सिंह ( क्राइम ब्रान्च )
साथ में प्रभारी निरीक्षक सुनिल कुमार वर्मा थाना गोपीगंज , का0 विष्णु सरोज , का0 मनोज कुमार गौड थाना गोपीगंज व प्रभारी निरीक्षक छविनाथ सिंह ( थाना दुर्गागंज ) व का0 राजकुमार यादव थाना दुर्गागंज शामिल हैं।